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Uddhav Thackeray Visited Shindes Sons Lok Sabha Constituency, Called For Ending Dynastic Politics – उद्धव ठाकरे ने शिंदे के पुत्र के लोकसभा क्षेत्र का किया दौरा, वंशवादी राजनीति खत्म करने का किया आह्वान


उद्धव ठाकरे ने शिंदे के पुत्र के लोकसभा क्षेत्र का किया दौरा, वंशवादी राजनीति खत्म करने का किया आह्वान

ठाणे: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में कल्याण लोकसभा क्षेत्र का शनिवार को दौरा किया और वंशवादी राजनीति खत्म करने का लोगों का आह्वान किया. कल्याण लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व श्रीकांत शिंदे करते हैं जो राज्य के मुख्यमंत्री एवं प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुट के अध्यक्ष एकनाथ शिंदे के बेटे हैं.

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ठाकरे ने एक रैली को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महाराष्ट्र का बार-बार होने वाला दौरा आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य के महत्व को रेखांकित करता है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ”वंशवादी राजनीति और गद्दारों को जमींदोज करें.”

शुक्रवार को ट्रांस-हार्बर अटल सेतु के उद्घाटन पर मोदी के भाषण का उल्लेख करते हुए ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वंशवादी राजनीति के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी कीं. ठाकरे स्वयं एक राजनीतिक परिवार से आते हैं, क्योंकि उनके पिता बाल ठाकरे शिवसेना के संस्थापक थे. उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे राज्य की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री थे.

जून 2022 में ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने वाले और उनकी सरकार गिराने वाले एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि हम गद्दारों को उनकी जगह दिखाएं.” उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस्तेमाल करो और फेंक दो” भाजपा की नीति है. ठाकरे की पार्टी शिवसेना महा विकास आघाड़ी गठबंधन की घटक है. उन्होंने रैली में सहयोगी कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि देश बचाने के लिए विपक्ष की एकजुटता जरूरी है.

इस बीच, ठाकरे के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख पर लोगों को पार्टी से बाहर निकालने का आरोप लगाया.

ठाणे के कोपिनेश्वर मंदिर में सफाई अभियान के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, शिंदे ने ठाकरे पर शिवसेना को एक ‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ के रूप में मानने, दिवंगत बाल ठाकरे के सिद्धांतों और शिक्षाओं से भटकने और अपने सहयोगियों के साथ ‘सेवक’ की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि आस्था का मामला है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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