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Uddhav Thackeray seats demand for Shiv Sena UBT in MVA in Maharashtra Assembly Election 2024


Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है. इस बीच बड़ा सवाल है कि यहां दो प्रमुख गुटों, महायुति और महा विकास अघाड़ी (MVA) में मुकाबला होगा या फिर इन गुटों में शामिल पार्टियां रुख बदलेंगी. 

दरअसल, लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद यहां कई समीकरण बदल चुके हैं और पार्टियां अधिक से अधिक सीटें अपने पाले में लाने के लिए पत्ते फेंक रही है. ऐसे में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है.

सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को मंगलवार (16 जुलाई) को बताया कि ठाकरे ने अपने नेताओं के साथ 288 सीटों का जायजा लिया, जहां इस बात की भी चर्चा हुई कि एमवीए में सीटों पर बात बनती है तो वो 2019 के फॉर्मूले पर सीट शेयरिंग करेंगे. 

कितनी सीटें चाहते हैं उद्धव ठाकरे?

इसकी छाप लोकसभा चुनाव में भी दिखी. 2019 के चुनाव में शिवसेना लोकसभा की 48 में से 22 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. तब शिवसेना का गठबंधन बीजेपी से था. इस बार शिवसेना (यूबीटी) एमवीए में 21 सीटों पर लड़ी और 9 सीटें जीती. 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना का बीजेपी के साथ गठबंधन था और 124 सीटों पर लड़ी थी. इस बार शिवसेना एमवीए से 115 से 124 सीटें चाहती है. अगर इन सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी तो शिवसेना  288 सीटों पर चुनावी मैदान में कूद सकती है.

महा विकास अघाड़ी (MVA) में शिवसेना यूबीटी के साथ कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी (शरदचंद्र पवार) शामिल है. एमवीए में शिवसेना अपनी पारंपरिक सीटें चाहती है. मुंबई, कोंकण, मराठवाड़ा ठाकरे का गढ़ माना जाता है. यहां कांग्रेस और एनसीपी (एससीपी) भी अधिक से अधिक सीटें चाहती हैं. ऐसे में पवार और कांग्रेस के लिए कितनी सीटें दे सकते हैं, इस पर उद्धव ठाकरे अपने नेताओं से विचार कर रहे हैं. 

 

उद्धव ठाकरे, शरद पवार और पृथ्वीराज चव्हाण
उद्धव ठाकरे, शरद पवार और पृथ्वीराज चव्हाण

क्या इस फॉर्मूले पर बनेगी बात?

यही नहीं लोकसभा चुनाव के बाद बनी स्थिति के मद्देनजर एमवीए में 90-90 सीटों पर लड़ने को लेकर भी चर्चा है. बाकी की सीटें अन्य छोटे दलों के लिए छोड़े जा सकते हैं. उद्धव ठाकरे जल्द ही अपनी और एमवीए में सीटों के फॉर्मूले को लेकर अपने नेताओं के साथ बैठक करेंगे.

एमवीए में सीट शेयरिंग आसान नहीं रहने वाला है. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने हाल ही में कहा था कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में 150 सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी.

लोकसभा चुनाव रिजल्ट

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 13, शिवसेना यूबीटी को 9 और एनसीपी (एसपी) को आठ सीटें मिली हैं. वहीं बीजेपी ने 9, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 7 और अजित पवार की एनसीपी ने एक सीट जीती है. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली. निर्दलीय सांसद ने कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है. इस चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा झटका लगा, ऐसे में एमवीए में शामिल पार्टियां उत्साहित हैं और विधानसभा चुनाव में भी जीत का दावा कर रही हैं.

2019 में किसे कितनी सीटें?

2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब एनसीपी और शिवसेना में बड़ी टूट के बाद पहला विधानसभा चुनाव है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव गुट और शरद पवार गुट के साथ लोगों की सहानुभूति है, इसका असर लोकसभा चुनाव में दिखा और सत्तारूढ़ दलों से अधिक सीटें मिलीं. 

वोट शेयर देखें तो 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 16.41 फीसदी, एनसीपी को 16.71 फीसदी और कांग्रेस को 15.87 फीसदी मिले थे. वहीं तब लोकसभा चुनाव में शिवसेना को 23.50 फीसदी, कांग्रेस को 16.41 फीसदी और एनसीपी को 15.66 फीसदी वोट मिले.

इस बार के लोकसभा चुनाव में शिवसेना यूबीटी को 16.72 फीसदी, कांग्रेस को 16.92 फीसदी और एनसीपी (एसपी) को 10.27 फीसदी वोट मिले. शिंदे गुट की शिवसेना को 12.95 फीसदी और अजित पवार की एनसीपी को 3.60 फीसदी वोट मिले हैं.

किसे ज्यादा फायदा?

हाल ही में सकाल मीडिया ग्रुप की तरफ से किए गए सर्वे में पूछा गया कि MVA में आने से किस पार्टी को  सबसे ज्यादा फायदा हुआ तो लोगों ने माना कि सबसे अधिक 37 फीसदी कांग्रेस को फायदा हुआ. 30 फीसदी लोगों ने कहा कि सभी दलों को बराबर फायदा हुआ. वहीं 18.5 फीसदी ने कहा कि शरद पवार गुट को फायदा मिला. सबसे कम 13.6 फीसदी ने कहा कि शिवसेना उद्धव गुट को फायदा हुआ. 

विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी 2019 वाली स्थिति में नहीं है और उसका किसी एक गठबंधन के साथ रहना मजबूरी है. ऐसे में अधिक से अधिक सीटें लेने के लिए पार्टियां रणनीति बना रही हैं. आने वाले कुछ दिनों में एमवीए में सीटों पर बात बन सकती है.

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