Treatment Will Be Done With The Help Of AI In Delhi AIIMS, Will Get Rid Of Diseases In Less Time Ann
Delhi News: देश के अलग-अलग क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग को बढ़ावा देने पर काम किया जा रहा है. वहीं अब मेडिकल क्षेत्रों में भी चिकित्सकों द्वारा मरीजों के इलाज में इसकी मदद ली जा रही है. शुरुआती नतीजे भी काफी उत्साहजनक रहे हैं. दिल्ली एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में 50 लकवा ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए AI का ट्रायल किया गया जिसकी मदद से 1 महीने में उन मरीजों को रोग से बहुत हद तक निजात दिलाने में सफलता पाई गई. जबकि दूसरी तरफ सामान्य चिकित्सा विधि से लकवा ग्रस्त मरीजों को ठीक होने में तकरीबन 8 महीने का वक्त लग जाता है.
सिर्फ एक महीने में ठीक हुए मरीज
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लकवाग्रस्त मरीजों पर ट्रायल सफल रहा. दिल्ली एम्स से मिली जानकारी के अनुसार 50 मरीजों पर इसका ट्रायल किया गया था, जिन्हें एआई की मदद से एक महीने में रोग मुक्त करने में सफलता पाई गई . यानी शुरुआती चरण में इसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं. अब दिल्ली एम्स द्वारा अलग-अलग विभागों में इसके विस्तार करने पर काम किया जा रहा है जिसकी मदद से विभिन्न रोगों से ग्रस्त मरीजों को कम समय में ठीक किया जा सके. वैसे दिल्ली एम्स के साथ-साथ राजधानी के अन्य बड़े चिकित्सा संस्थानों में भी अब एआई की मदद से रोगों का इलाज करने की व्यवस्था को शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है और बहुत जल्द अलग-अलग विभागों में इसकी मदद भी ली जाएगी.
ब्रेन स्ट्रोक वाले मरीजों को भी मिलेगी राहत
दिल्ली एम्स द्वारा ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की पहचान के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है. उपचार के लिए जांच विधि, फोटो, लक्षण व दूसरी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को अपलोड करके मरीज की पहचान की जा सकती है. ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस मशीन काफी मददगार बन रही है. दिल्ली एम्स की तरफ से तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सुविधा के विस्तार पर काम किया जा रहा है. इसके अलावा दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ देश के दूसरे बड़े चिकित्सा संस्थानों में भी इलाज के लिए एआई का सहारा लिया जा रहा है .
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