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Tiger attacked in Corbett Park in Uttarakhand rescued after tranquillizing ANN


Corbett Tiger Reserve News: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के कानियां बीट में बीते दिनों से आतंक मचाने वाले हमलावर बाघ को पार्क प्रशासन की टीम ने आखिरकार ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया है. इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. पिछले तीन दिनों से लगातार बाघ को पकड़ने की मांग को लेकर स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे थे.

बीते दिन इस बाघ ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के कानियां बीट में पेट्रोलिंग कर रहे दैनिक श्रमिक गणेश पर हमला कर दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. श्रमिक को बचाने के लिए साथ मौजूद कर्मचारियों ने हवाई फायरिंग की, जिसके बाद बाघ जंगल की ओर भाग गया. गणेश का वर्तमान में अस्पताल में इलाज चल रहा है.

बाघ के हमले से गुस्साए लोग
इससे पहले 9 जनवरी को जंगल में लकड़ी लेने गए 37 वर्षीय प्रेम सिंह, जो कॉर्बेट मुख्यालय में माली के रूप में कार्यरत थे, बाघ का शिकार बन गए थे. इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने रामनगर-ढेला मार्ग पर शव रखकर घंटों विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं, जब बीते दिन गणेश पर हमला हुआ, तो क्षेत्र में आक्रोश और बढ़ गया.

हमले की घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला एवं झिरना पर्यटन जोन को जाने वाले मुख्य मार्ग पर सांवल्दे वन चौकी के पास जोरदार प्रदर्शन किया और मार्ग जाम कर दिया. इस प्रदर्शन के कारण पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

इलाके में धारा 144 लागू 
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी. साथ ही, बिजरानी रेंज के रेंजर भानु प्रकाश हरबोला की तहरीर पर पुलिस ने पांच नामजद व 50 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. बीते कई दिनों से इस बाघ का आंतक जारी था, जिससे इलाके के लोगों में भय माहौल था.

गुरुवार देर रात कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की टीम ने बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया. पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटि ने बताया कि पकड़ा गया बाघ नर है और उसकी उम्र करीब आठ वर्ष है. फिलहाल, उसे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है, जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. बाघ के हमलों को लेकर अब वैज्ञानिक तरीके से जांच की जा रही है. पकड़े गए बाघ और मृतक प्रेम सिंह के सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद भेजे जाएंगे, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि हमले के पीछे यही बाघ जिम्मेदार था या नहीं.

वन विभाग ने क्या कहा? 
बाघों की सुरक्षा और स्थानीय लोगों की सुरक्षा दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि बाघ संरक्षण और मानव जीवन के बीच संतुलन बना रहे. हालांकि, जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए यह संघर्ष लगातार चिंता का विषय बना हुआ है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर साकेत वडोला ने कहा कि वन विभाग बाघ संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदाय की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रहा है. इस घटना ने एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को उजागर किया है, जिससे निपटने के लिए वन विभाग को और अधिक प्रभावी कदम उठाने होंगे.

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