Thousands of people formed a human chain in protest demanding justice in Kolkata Rape Murder Case RG kar medical college
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी की घटना के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है. लोग विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग कर रहे हैं कि जितनी जल्दी संभव हो दोषियों को फांसी की सजा दी जाए. भारतीय जनता पार्टी के नेता भी लगातार इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
इसी क्रम में रविवार (08 सितंबर) को एकबार फिर लोगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. कोलकाता से लेकर उत्तर 24 परगना तक लोगों ने एक मानव श्रृंखला (Human Chain) बनाई. रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 किलोमीटर लंबी इस मानव श्रंखला में हजारों लोग शामिल हुए. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास श्याम बाजार से लेकर सोदपुर यानी कि पीड़िता के घर तक ये मानव श्रंखला बनाई गई. हजारों लोग इस दौरान न्याय की मांग कर रहे थे. कई लोगों के हाथों में तख्तियां भी थीं जिन पर लिखा था- ‘We Want Justice’
#WATCH कोलकाता, पश्चिम बंगाल: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना पर आम लोगों ने विरोध मार्च निकाला। pic.twitter.com/zBD0tEzAmw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 8, 2024
निकाला था दो किलोमीटर लंबा जुलूस
इससे पहले ‘वेस्ट बंगाल सर्विस डॉक्टर्स फोरम’ के सदस्यों ने एक सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ जारी प्रदर्शन के तहत सियालदह स्टेशन से राजभवन तक रैली निकाली थी. डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ सहित लगभग 200 कार्यकर्ताओं ने दो किलोमीटर लंबे जुलूस में हिस्सा लिया और इस मामले में राज्यपाल सी वी आनंद बोस से हस्तक्षेप की मांग की.
प्रदर्शन में शामिल नर्स सीमा दास ने कहा, ‘इतने दिन बीत गए हैं, लेकिन इस जघन्य घटना की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है.’ राजभवन के पास रैली रोक दिए जाने और राजभवन के चारों ओर निषेधाज्ञा लागू होने के चलते पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन सौंपने के लिए अंदर गया. हालांकि, राज्यपाल के मौजूद न होने के कारण उनके कार्यालय ने ज्ञापन स्वीकार कर लिया. फोरम के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे आने की पूर्व सूचना के बावजूद राज्यपाल नहीं आए. पूरा राज्य और देश चाहता है कि दोषियों की पहचान की जाए और उन्हें दंडित किया जाए. राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में हम चाहते हैं कि राज्यपाल जांच में तेजी के लिए अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करें.’
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