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The Number Of Daily Deaths Due To Heart Attack In Mumbai Is 27 Or 63! What Figures Are Being Hidden? – मुंबई में हार्ट अटैक से हर रोज होने वाली मौतों की संख्या 27 या 63! क्या छुपाए जा रहे आंकड़े?



इमरान 25 साल के हैं. वे सीने में दर्द से ऐसे बेहाल हुए कि मुंबई के लायंस क्लब अस्पताल जाना पड़ा. उनकी एंजियोग्राफी हुई, अब बड़े ऑपरेशन की तैयारी है. वे पेशे से कारपेंटर हैं. वे कहते हैं सेहत ठीक थी, अचानक बिगड़ी, कारण समझ नहीं पा रहे.

इमरान ने कहा कि, ‘’बहुत दर्द हुआ अचानक, डॉक्टर के पास गया तो इस अस्पताल में भेजा. यहां आया तो एंजियोग्राफ़ी करवानी पड़ी. पता नहीं अचानक कैसे हुआ. डॉक्टर ने बोला कम मसाला तेल खाओ.” 

मुंबई में हार्ट अटैक से हर दिन 27 मौतें हो रही हैं. यह बात जानेमाने आरटीआई एक्टिविस्ट चेतन कोठारी को बीएमसी से मिले आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आई है. इसके मुताबिक, 2022 में हार्ट अटैक से 9998 लोगों की जान गई. यानी हर दिन करीब 27 मौतें हार्ट अटैक से हुईं. 

हालांकि, आरटीआई एक्टिविस्ट चेतन कोठारी दावा करते हैं कि आंकड़े छिपाए जा रहे हैं. वे कहते हैं कि, मुंबई शहर में हर साल करीब 25,000 मौतें सिर्फ़ हार्ट अटैक से हो रही हैं. 

बीएमसी के आंकड़ों में विरोधाभास

कोठारी के दावे में थोड़ा दम दिखता है. आरटीआई रिप्लाई के मुताबिक 2022 में कुल 94553 लोगों की मौत हुई. दूसरी तरफ 30 सितंबर को आए बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े में कहा गया है कि, 2022 में मुंबई में कुल मौतों में 25 प्रतिशत मौतें दिल की बीमारी के कारण हुई हैं. तो उस हिसाब से 94553 का 25 प्रतिशत 23,638 मौतें हुईं. जबकि आरटीआई में बताया गया है 9998 मौतें. यह 13,640 मौतों का घपला क्यों? आरटीआई के तहत मिले जवाब में सबसे ज्यादा कैंसर से 10,028 मौतें दिखाई गई हैं.

चेतन कोठारी ने कहा, ‘’मैं आंकड़ों से संतुष्ट नहीं हूं. बीएमसी का हालिया सर्वे कहता है कि हर पांच में से एक मौत हार्ट अटैक से है, तो इतना कम आंकड़ा कैसे हो सकता है. मैं एक बार फिर आगे जवाब के लिए अपील करूंगा. आंकड़े छुपाना घातक है, लोगों को सच्चाई पता हो ताकि वे बीमारी को लेकर जागरूक हों.” 

दिल के पांच में से एक मरीज युवा

मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि कोविड के बाद हार्ट अटैक के मरीज तेजी से बढ़े हैं. हर पांच में से एक हार्ट मरीज युवा है, यानी 40 से कम उम्र का. लायंस क्लब हॉस्पिटल के डॉ सुहास देसाई ने बताया, ‘’तीन सालों में काफी मरीज़ बढ़े. हर पांच में एक युवा हार्ट मरीज है. कोविड के बाद मरीज बढ़े. ब्लड क्लॉटिंग, खराब लाइफ स्टाइल, स्ट्रेस से यह सब बढ़ा है. कोविड के बाद ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं.”

बीएमसी के ही हालिया सर्वे में बताया गया है कि 34 प्रतिशत मुंबईकर को हाई ब्लड प्रेशर है. 19 फीसदी को डायबिटीज है. करीब 46% मुंबईकर अधिक वजन तो 12 प्रतिशत मुंबईकर मोटापे से ग्रस्त हैं. 74% मुंबईकर पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं.

भागती दौड़ती मुंबई में गैर संचारी रोग जैसे हार्ट अटैक, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी फेल होने और कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों के लिए ये चिंता का विषय बनता जा रहा है.

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