The Impact Of Uttar Pradesh’s Politics Can Be Seen In The Assembly Elections In East Rajasthan.ANN
Rajasthan Assembly Election 2023 News: राजस्थान में भरतपुर जिला जाट बाहुल्य क्षेत्र है. उत्तर प्रदेश के मथुरा और आगरा जिले की सीमा भरतपुर जिले की 5 विधानसभा क्षेत्र से लगी हुई हैं. भरतपुर के रहने वाले लोगों के रिश्तेदारियां भी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में है. राजस्थान के भरतपुर जिले के कई गांवों के लड़के-लड़कियों की शादी और अन्य रिश्तेदारी उत्तर प्रदेश के मथुरा और आगरा जिले में हुए है. चुनाव कोई भी हो जब भरतपुर में या राजस्थान में चुनाव होता है, तब उत्तर प्रदेश लोग यहां आकर चुनाव प्रचार करते हैं. ठीक उसी तरह जब उत्तर प्रदेश में चुनाव होता है, उस समय राजस्थान के लोग वहां प्रचार करने जाते हैं.
इस बार विधानसभा चुनाव में भरतपुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी डॉक्टर सुभाष गर्ग के पक्ष में प्रचार-प्रसार करने, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी पहुंचे थे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नगर विधानसभा सीट पर प्रचार करने के पहुंचे थे. नगर विधानसभा सीट से बीजेपी की तरफ से जवाहर सिंह बेढ़म चुनावी मैदान में हैं. जवाहर सिंह बेढ़म के पक्ष में प्रचार करते हुए योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा को संबोधित किया.
बीएसपी का पूर्वी राजस्थान में प्रभाव
उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे होने के कारण, भरतपुर जिले की सियासत में यूपी की का असर देखने को मिलता है. यही कारण है कि बहुजन समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन पूर्वी राजस्थान के कई सीटों पर अच्छा रहा है. बीएसपी के टिकट पर कई नेताओं ने यहां से चुनाव भी जीता है. पूर्वी राजस्थान की कई सीटों बीएसपी का असर देखने को मिलता है. पूर्वी राजस्थान के धौलपुर, करौली सहित भरतपुर जिले से बीएसपा के प्रत्याशी जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं.
ये विधानसभा सीटें शेयर करती हैं यूपी से सीमा
पूर्वी राजस्थान के भरतपुर जिले की पांच और धौलपुर जिले की दो विधानसभा क्षेत्र की सीमा उत्तर प्रदेश के आगरा-मथुरा जिले से लगती है. भरतपुर जिले की नगर विधानसभा, डीग-कुम्हेर विधानसभा, भरतपुर विधानसभा और बयाना-रूपबास विधानसभा क्षेत्र की सीमा उत्तर प्रदेश से सटी हुई हैं. इसी तरह धौलपुर जिले की दो विधानसभा क्षेत्र की सीमा भी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से सटी हुई है.
धौलपुर जिले के राजाखेड़ा विधानसभा और धौलपुर विधानसभा की सीमा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से सटी हुई है. दोनों राज्यों की सीमा सटे होने के कारण यहां के लोगों की आपस में रिश्तेदारी भी है. यही कारण है कि दोनों राज्यों में राजनीतिक असर देखने को मिलता है.
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