News

Thalapathy Vijay Party TVK Bring proposal against One Nation one Elections Waqf Bill know plan ahead


अभिनेता से नेता बने थलापति विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) ने रविवार (तीन नवंबर, 2024) को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’, वक्फ संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. यह जानकारी देते हुए न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में आगे बताया गया कि टीवीके की बैठक में तमिलनाडु में एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) सरकार की आलोचना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि मौजूदा शासन के तहत तमिलनाडु में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है.

न्यूज एजेंसी ‘आईएएनएस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, टीवीके सूत्रों ने बताया कि विजय ने करीबी विश्वासपात्र और पार्टी महासचिव बुस्सी आनंद (जो पुडुचेरी के पूर्व विधायक हैं) सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ निजी तौर पर चर्चा की. विजय की यात्रा दो दिसंबर को कोयंबटूर से शुरू होकर 27 दिसंबर को तिरुनेलवेली में बड़ी सार्वजनिक सभा के साथ समाप्त होने की उम्मीद है. यात्रा के दौरान उनका लक्ष्य तमिलनाडु भर में लोगों से जुड़ना, एजेंडे को साझा करना और जनता की राय जानना है.

तमिलर काची (एनटीके) के नेता सीमन को लेकर हुई चर्चा

बैठक में कथित तौर पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नाम तमिलर काची (एनटीके) के नेता सीमन का मुकाबला करने की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई, जिन्होंने विजय की आलोचना की थी. सीमन ने पिछले सप्ताह विक्कारावंडी में रैली में नई पार्टी की विचारधारा को द्रविड़ और तमिल राष्ट्रवाद का मिश्रण बताया था और कहा था, “यह बहुत गलत है. आप या तो उस तरफ खड़े हो जाओ या इस तरफ. बीच में खड़े होने से कुचले जाने का खतरा है. जो लोग वास्तव में तमिल राष्ट्रवाद के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्हें अक्सर व्यक्तिगत बलिदान का सामना करना पड़ता है, यहां तक ​​कि परिवार को भी.” सीमन ने विजय पर राजनीतिक दिखावा करने का आरोप लगाया था. वह पहले भी तमिल राष्ट्रवाद, भाषा और संस्कृति के विपरीत द्रविड़वाद की निंदा कर चुके हैं.

भाजपा और द्रमुक पर साधा निशाना

विक्कारावंडी में विजय की रैली में तीन लाख से अधिक लोग शामिल हुए, जिसे तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़े सियासी घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है. रैली के दौरान विजय ने राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक और भाजपा दोनों की आलोचना की और भाजपा को वैचारिक विरोधी और द्रमुक को राजनीतिक विरोधी बताया. एक ओर द्रमुक पर परिवार केंद्रित पार्टी होने का आरोप लगाया, जो निजी लाभ के लिए “द्रविड़” पहचान का शोषण करती है, जबकि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति की निंदा की. 

विजय की पार्टी को बताया भाजपा की सी टीम

जवाब में द्रमुक नेता और राज्य के कानून मंत्री एस. रघुपति ने विजय और टीवीके को भाजपा की “सी टीम” करार दिया. भाजपा के तमिलनाडु प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने सुझाव दिया कि विजय को राजनीतिक भावनाएं भड़काने की बजाय लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने विजय को अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करते समय भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक गुटों से मिले समर्थन को स्वीकार करने के लिए भी प्रोत्साहित किया. 

कब बढ़ी विजय की राजनीतिक पहचान

विजय की राजनीतिक पहचान तब से बढ़ रही है, जब से उनके फैन क्लब ‘ऑल इंडिया थलपति विजय मक्कल इयक्कम’ ने 2021 के तमिलनाडु स्थानीय निकाय चुनावों में 169 सीटों में से 115 सीटें जीतीं. इसके विपरीत कमल हासन की मक्कल निधि मैयम और सीमन की एनटीके पार्टी को कोई सीट नहीं मिली. इस सफलता ने तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य में विजय के बढ़ते प्रभाव को और मजबूत कर दिया है.

यह भी पढ़ें- वक्फ संशोधन बिल पर बढ़ा संकट? जिनके भरोसे केंद्र में मोदी सरकार, उन्हीं के नुमाइंदे ने कहा- मुसलमानों के दिल में…



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *