Telangana Congress Internal Strife More than 10 mlas hold secret meeting cm revanth reddy calls emergency meeting ann
Telangana Congress Internal Strife: तेलंगाना कांग्रेस में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आने लगी है. राजस्व मंत्री पोंगलेटी श्रीनिवास रेड्डी के खिलाफ असंतुष्ट विधायकों ने एक गुप्त बैठक आयोजित की, जिससे पार्टी में उथल-पुथल मच गई है.
विधायकों ने मंत्री श्रीनिवास रेड्डी पर मनमानी करने और पुराने कांग्रेस नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया. बैठक में शामिल विधायकों का मानना है कि चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि पुराने विधायकों की उपेक्षा की जा रही है.
गुप्त बैठक में क्या हुआ?
महबूबनगर जिले के एक विधायक ने बैठक बुलाई, जिसमें 18 विधायकों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन 12 ही पहुंचे. विधायकों ने मंत्रियों के कमीशन मांगने, बिलों की मंजूरी में देरी और अधिकारियों की ओर से उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की. नागरकुरनूल के सांसद मल्लू रवि ने सफाई देते हुए कहा कि यह केवल डिनर मीटिंग थी, और विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रही हैं.
पुराने और नए नेताओं के बीच गहराती खाई
इस बीच एबीपी न्यूज से बात करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वीकार किया कि पार्टी में पुराने नेताओं और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं के बीच तनाव बढ़ रहा है. उनका इशारा मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और मंत्री श्रीनिवास रेड्डी की ओर था, जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए और अब महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं.
मुख्यमंत्री ने की आपात बैठक
जैसे ही मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को इस गुप्त बैठक की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत मंत्री पोंगलेटी श्रीनिवास रेड्डी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में अनुशासन बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और असंतोष को दबाने के लिए जल्द ही बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
राहुल गांधी से मिलने की योजना
असंतुष्ट विधायक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) और राहुल गांधी से मिलने की योजना बना रहे हैं. वे कांग्रेस हाईकमान को राज्य में नई टीम द्वारा पुराने नेताओं की अनदेखी की शिकायतें दर्ज कराना चाहते हैं.
क्या कांग्रेस में बगावत के संकेत?
बता दें कि तेलंगाना कांग्रेस में असंतोष बढ़ता जा रहा है. यदि विधायकों की शिकायतों का समाधान नहीं हुआ, तो पार्टी में बड़ी दरार पड़ सकती है. अब सवाल यह है कि कांग्रेस आलाकमान इस संकट से कैसे निपटेगा और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी अपनी सरकार को एकजुट रखने के लिए क्या रणनीति अपनाएंगे.