Tamil Nadu Anna University Assault Case Madras High Court Order To SIT Probe Meanwhile Direct To 25 Lakh Rupee Compensation To Survivor
Anna University Assault Case: मद्रास हाई कोर्ट ने शनिवार (28 दिसंबर, 2024) को चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में 19 साल की इंजीनियरिंग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने का आदेश दिया है. साथ ही पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश जारी किया.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण की पीठ ने तमिलनाडु राज्य को पुलिस की वेबसाइट पर जनता के लिए उपलब्ध कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में पीड़िता का विवरण उजागर करने में पुलिस की ओर से हुई “गंभीर चूक” के लिए पीड़िता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया.
मद्रास हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एफआईआर के लीक होने से ही पीड़िता को शर्मसार होना पड़ा. बेंच ने कहा, “इससे पीड़िता को मानसिक पीड़ा और बढ़ गई है.” आदेश में कहा गया है, “यह उसे दोषी ठहराकर या शर्मिंदा करके नहीं किया जा सकता. यह महिला विरोधी है. संविधान पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर नहीं करता है और समाज को महिलाओं को नीचा दिखाने में शर्म महसूस करनी चाहिए.”
पीड़िता के परिवार को भी मिलेगी सुरक्षा
अदालत ने तमिलनाडु पुलिस को पीड़ित छात्रा और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है. पीड़िता सोमवार, 23 दिसंबर को अपने एक मित्र के साथ परिसर के अंदर खुली जगह पर बैठी थी, तभी एक शख्स ने कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया.
आरोपी की पहचान 37 साल के ज्ञानसेकरन के रूप में हुई है, जिसने पहले पीड़िता की दोस्त की पिटाई की और फिर उसे एक इमारत के पीछे घसीटकर ले गया फिर उसके साथ भी मारपीट की. बाद में पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया.
घटना को लेकर छात्रों में फूटा गुस्सा
इस घटना को लेकर छात्रों में व्यापक आक्रोश फैल गया. साथ ही घटना के बाद राज्य में राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई. मद्रास हाई कोर्ट ने मामले की चल रही जांच में अलग-अलग खामियों को उजागर करते हुए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों की एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है. मामले में दर्ज एफआईआर पढ़ने के बाद अदालत ने “पीड़ित को दोषी ठहराने” के लिए पुलिस की भी आलोचना की.
ये भी पढ़ें: तमिलनाडु में ‘जय श्री राम’ नहीं ‘वेट्रिवेल मुरुगन’ के सहारे BJP, क्या डीएमके के लिए बनेगी चुनौती?