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Supreme Court will order CBI investigation into nexus between builders and banks in NCR ANN | NCR में बिल्डरों और बैंकों की सांठ-गांठ की सुप्रीम कोर्ट करवाएगा सीबीआई जांच, कहा


Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र में बिल्डरों और बैंकों की सांठ-गांठ पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने पूछा है कि आखिर किसी बिल्डिंग की एक ईंट पड़े बिना बैंक कैसे 60 से 80 प्रतिशत तक लोन ट्रांसफर कर दे रहे हैं. कोर्ट ने कहा है कि बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए खरीदारों को बिना वजह समस्या में डाला जा रहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस गठजोड़ की जांच सीबीआई से करवाएगा और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें पाताल से ढूंढ कर दंड दिया जाएगा.

क्या है मामला?

ग्रेटर नोएडा के कुछ बिल्डिंग प्रोजेक्ट के खरीदार सुप्रीम कोर्ट यह कहते हुए पहुंचे थे कि बिल्डर की तरफ से की गई देरी के चलते उन्हें अब तक फ्लैट का कब्जा नहीं मिला है, लेकिन बैंक उन्हें ईएमआई चुकाने के लिए मजबूर कर रहा है. सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्य कांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने पाया कि आधे-अधूरे बिल्डिंग प्रोजेक्ट के लिए भी बैंक सबवेंशन स्कीम के तहत बिल्डर के खाते में 60 से 80 प्रतिशत तक लोन राशि का भुगतान कर दे रहे हैं. जब बिल्डर ईएमआई का भुगतान नहीं करता, तब खरीदार पर इसका दबाव बनाया जाता है.

जजों ने क्या कहा?

जजों ने कहा कि पैसे सीधे बिल्डर के खाते में डाले जाते हैं. ऐसा करने से पहले बैंक यह तक नहीं देखता कि प्रोजेक्ट की एक ईंट भी पड़ी है या नहीं? यह बैंक अधिकारियों की तरफ से बिल्डर को फायदा पहुंचाना और उसके बदले खुद भी लाभ कमाने का मामला नहीं तो क्या है? इस तरह बैंक और बिल्डर आपस में मिलीभगत कर निर्दोष खरीदारों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? खरीदारों से उन पैसों का हिसाब मांगा जा रहा है, जो उन्होंने कभी देखे ही नहीं. जो पैसे बैंक ने सीधे बिल्डर के खाते में डाल दिए थे.

सीबीआई से मांगा प्रस्ताव

दो जगह की बेंच ने सीबीआई के लिए पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वह अधिकारियों से बात करें. दो सप्ताह में सीबीआई एक प्रस्ताव दे कि वह किस तरह से इस मामले की जांच कर सकता है. बैंकों की तरफ से मौजूद वरिष्ठ वकीलों ने इस आदेश का विरोध किया. उन्होंने यह प्रस्ताव भी दिया कि जब तक याचिकाकर्ताओं को उनके फ्लैट का कब्जा नहीं मिल जाता, तब तक बैंक कोई ब्याज नहीं लेगा, लेकिन जजों ने कहा कि अब आपके ऐसा करने से मुख्य मसले का समाधान नहीं निकलेगा. हमें तमाम खरीदारों को बैंक और बिल्डर की मिलीभगत से होने वाले नुकसान से बचाना है.

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