Supreme Court verdict on Electoral Bond scheme Congress Jairam Ramesh Slams Modi Govt | ‘मोदी सरकार सूट-बूट-लूट-झूठ की सरकार’, जयराम रमेश बोले
Jairam Ramesh On Electoral Bonds Verdict: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने गुरुवार (15 फरवरी) को केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाया और इसे असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ”यह फैसला तूफान जैसा है. इसके जरिए सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया है कि नरेंद्र मोदी सरकार सूट-बूट-लूट-झूठ की सरकार है. चुनावी बॉन्ड योजना अवैध और असंवैधानिक थी.”
‘मोदी सरकार चंदा दाता का करती सम्मान’
जयराम रमेश ने कहा, “इससे यह भी साबित होता है कि एक तरफ मोदी सरकार चंदा दाता का सम्मान करती है, दूसरी तरफ वह अन्नदाता किसानों का अपमान करती है. हमने कभी किसी सरकार में नहीं देखा कि सड़कों पर कीलें बिछाई जाएं और ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले दागे जाएं.”
चुनावी बॉन्ड योजना पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस योजना की लॉन्चिंग के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था.
उन्होंने कहा, “इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणा-पत्र में मोदी सरकार की इस योजना को खत्म करने का वादा किया था. हम आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसने मोदी सरकार की इस कालाधन रूपांतरण योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है.”
#WATCH | Bihar: On the Supreme Court’s verdict on the Electoral Bond scheme, Congress MP Jairam Ramesh says, “This judgement is like a storm. Through this, the SC has proved that the Narendra Modi government is a ‘suit-boot-loot-jhooth’ government. The electoral bond scheme was… pic.twitter.com/IgjV3LiVi5
— ANI (@ANI) February 15, 2024
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “पीएम नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है. बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था, आज इस बात पर मुहर लग गई है.”
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ”इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं. देश पर इलेक्टोरल बॉन्ड को थोपा गया, जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और लॉ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने विरोध किया था. प्रधानमंत्री ने मनी बिल लाकर इसे कानूनी जामा पहनाया था, ताकि विधायक खरीदे जा सकें.”
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