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Supreme Court Stays Enforcement Directorate Investigation Into Chhattisgarh Alleged Liquor Scam Case



नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाला मामले में राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार के अफसरों को अंतरिम संरक्षण देते हुए इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अगले आदेश तक ईडी अपनी जांच आगे न बढ़ाए. साथ ही अफसरों पर कोई कठोर कार्रवाई ना हो. 

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ईडी ने इस मामले में अब तक पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और नितेश पुरोहित को गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी ने दावा किया था कि विशेष सचिव ने आबकारी नीति में बदलाव किया था, जिसकी वजह से दो हजार करोड़ का घोटाला हुआ. छत्तीसगढ़ सरकार ने ईडी पर आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी राज्य के अफसरों को परेशान कर रही है. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने ईडी की जांच पर रोक का फैसला दिया.

पिछली सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी “परेशान कर रही है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राज्य में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है. राज्य सरकार ने जस्टिस एस के कौल और जस्टिस ए अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष आरोप लगाया था कि राज्य आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि ईडी उन्हें और उनके परिवार को धमकी दे रहा है और गिरफ्तारी का भय दिखा रहा है. 

राज्य सरकार ने दावा किया कि अधिकारियों ने कहा है कि वे विभाग में काम नहीं करेंगे. ईडी प्रताड़ित और परेशान कर रही है. छत्तीसगढ़ की ओर से पेश वरिष्ठ कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि ईडी राज्य के आबकारी अधिकारियों को धमका रहे हैं. यह चौंकाने वाली स्थिति है, अब चुनाव आ रहे हैं और इसलिए ऐसा किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ : 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में ईडी ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट

 

सुप्रीम कोर्ट में अनवर ढेबर की अलग-अलग दो याचिकाओं समेत अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही है. अनवर की तरफ से पीएमएलए की धारा 50 को चुनौती दी गई है, इसमें ईडी किसी को भी बिना कारण बताए पूछताछ के लिए बुलाने का प्रावधान है. पिछली सुनवाई में 16 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि डर का माहौल न बनाएं. ये टिप्पणी तब की गई जब  राज्य सरकार ने दावा किया कि ईडी “अंधाधुंध भाग रही है”.

सरकार की ओर से कहा गया था कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों को “मानसिक, शारीरिक” यातना का सामना करना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के आरोपों पर ईडी से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के वकील एएसजी एसवी राजू से कहा, “भय का माहौल” न बनाएं, क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार ने आरोप लगाया है कि ईडी “परेशान चल रही है”. 

राज्य सरकार ने जस्टिस एस के कौल और जस्टिस ए अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष आरोप लगाया था कि राज्य के आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि ईडी उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रही है और “मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है. सरकार ने दावा किया कि अधिकारियों ने कहा है कि वे विभाग में काम नहीं करेंगे. 

छत्तीसगढ़ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा था कि ईडी बौखलाई हुई है. वे आबकारी अधिकारियों को धमका रहे हैं. यह चौंकाने वाली स्थिति है. अब चुनाव आ रहे हैं और इसलिए यह हो रहा है. ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है.

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