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Supreme Court Slams Delhi LG Vk Saxena on Delhi Tree Felling said why you gave permission DDA


Supreme Court Slams Delhi Lt Governor: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (12 जुलाई 2024) को दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की ओर से अदालत में लंबित एक आवेदन के बावजूद ठीक से विचार किए बिना ही पेड़ों को काटने की अनुमति देने के लिए कड़ी फटकार लगाई.

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने अदालत की पूर्व अनुमति लिए बिना पेड़ों को काटने के उपराज्यपाल के कदम पर कड़ी असहमति जताई. शीर्ष अदालत ने मामले में उपराज्यपाल की संलिप्तता को छिपाने के प्रयासों की भी निंदा की और कहा कि सुनवाई के पहले दिन ही उन्हें सूचित कर दिया जाना चाहिए था कि उन्होंने पेड़ों को काटने के निर्देश जारी किए हैं.

अदालत ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति

अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल ने इस मामले में पूरी तरह से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने मान लिया कि उनके पास वृक्ष अधिकारी की शक्ति है. यह दुखद स्थिति है… जो कुछ हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमें पहले दिन ही बता दिया जाना चाहिए था कि उपराज्यपाल ने निर्देश दिए हैं.

वीके सक्सेना से अदालत ने पूछे ये सवाल

पीठ ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से आगे सवाल किया और पूछा कि क्या वह खुद को अदालत मानते हैं. इसके अलावा, यह भी पूछा कि क्या डीडीए अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया था कि पेड़ों को काटने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति आवश्यक है.

न्यायमूर्ति ओका ने की ये टिप्पणी

न्यायमूर्ति ओका ने कहा, “मुझे लगता है कि उपराज्यपाल खुद को अदालत समझ रहे हैं. क्या कोई अधिकारी एलजी के पास यह बताने गया था कि हमें आगे बढ़ने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति की आवश्यकता है?” पीठ ने जोर देकर कहा कि वीके सक्सेना सहित सभी संबंधित पक्षों ने इस मामले में गलतियां की हैं और स्पष्टीकरण के साथ अदालत में आने के बजाय इन गलतियों को छिपाने का विकल्प चुनने के लिए सभी की आलोचना की.

पेड़ काटने वाले ठेकेदार को भी नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान डीडीए को यह भी बताने का निर्देश दिया कि क्या उसने उपराज्यपाल की अनुमति के आधार पर पेड़ों को काटने का निर्णय लिया था या कोई स्वतंत्र निर्णय भी लिया गया था. अदालत ने पेड़ों को काटने का काम करने वाले ठेकेदार को भी नोटिस जारी किया. इस नोटिस में उससे अदालत को यह बताने के लिए कहा गया है कि किसके निर्देश पर उसने यह कार्रवाई की.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, यह मामला डीडीए की ओर से हजारों पेड़ों को अवैध रूप से काटने से जुड़ा है, जो अदालत के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है, जिसके अनुसार ऐसी कार्रवाई करने से पहले अदालत से अनुमति जरूरी थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल के निर्देश पर डीडीए ने दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ काट दिए.

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