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Supreme Court says Person must Be Present On ED Summons Tamil Nadu Sand Mining Case Arvind Kejriwal


Sand Mining Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच और उसके समन को लेकर कई राज्यों के दल और नेता केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के समन को लेकर एक आदेश दिया है जिसमें कोर्ट ने कहा कि जांच में सहयोग करने के लिए व्यक्तियों को ईडी के सामने पेश तो होना पड़ेगा.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु में कथिक अवैध रेत खनन मामले की सुनवाई कर रहा था. कोर्ट ने मंगलवार (27 फरवरी) को कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तलब किए व्यक्तियों को चल रही जांच में सहयोग करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होना होगा. इस तरह से कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की उस कोशिश को नाकाम कर दिया जिसमें सरकार जिला कलेक्टरों को पूछताछ से बचा रही थी.

मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित कर दिया जिसने ईडी को राज्य के पांच जिला कलेक्टरों की व्यक्तिगत उपस्थिति मांगने पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को एजेंसी के समन का सम्मान करना और उसका जवाब देना जरूरी है. इसके साथ ही अदालत ने कलेक्टरों को एजेंसी की निर्धारित तारीख पर जांचकर्ताओं के सामने पेश होने का आदेश दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, “ईडी ने पीएमएलए की धारा 50 के तहत मिली ताकतों का प्रयोग करते हुए संबंधित समन जारी किए हैं. अगर कोई अधिकारी अधिनियम के तहत जांच या कार्यवाही के दौरान किसी की उपस्थिति को जरूरी मानता है तो अधिनियम को पढ़ने से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि संबंधित प्राधिकारी के पास किसी भी व्यक्ति को बुलाने की शक्ति है. जिला कलेक्टर और जिन व्यक्तियों को समन जारी किया गया है, वे उस समन का सम्मान करने और उसका जवाब देने के लिए बाध्य हैं.”

सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश ऐसे समय आया है जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के नेतृत्व वाले राज्यों ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी जैसी संघीय एजेंसियों की मदद से राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है.

अब क्या करेंगे अरविंद केजरीवाल?

सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी के समन पर एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. आम आदमी पार्टी (आप) ने बाद में एक बयान में कहा कि चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होंगे. ईडी ने समन की ”अवज्ञा” करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज की है. अदालत ने केजरीवाल को 16 मार्च तक व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने से छूट दी है.

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