Supreme Court reprimanded Solicitor General while banning bulldozer action | कहां-कहां बुल्डोजर जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से छूट, अदालत ने क्यों कहा
Bulldozer Justice: यूपी के बाद देश के तमाम हिस्सों में ताबड़तोड़ इंसाफ का ब्रैंड बन चुके बुलडोजर के चक्के अब बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के टस से मस नहीं होंगे. बुलडोजर एक्शन के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि बिना इजाजत के देश में कहीं भी बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी. सुनवाई के दौरान जमीयत की ओर से दलील दी गई कि बुलडोजर एक्शन को एक खास वर्ग को सजा के तौर पर पेश किया जाता है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वकील फारुख रशीद ने कहा, ‘ये जो डिमोलिशन हो रहा है ये पिन्यूटिव नेचर में हो रहा है और ये लोग दिखा रहे हैं कि हमलोग एक कम्यूनिटी के खिलाफ कर रहे हैं. उनको सजा दे रहे हैं.’ हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि उसका ये आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथ, रेलवे लाइन और जलाशयों पर होने वाले अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा यानि ऐसी जगहों पर अतिक्रमण हटाने के लिए कोर्ट की इजाजत जरूरी नहीं होगी.
सॉलीसिटर जनरल ने क्या कहा?
सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि बुलडोजर पर रोक से संवैधानिक संस्थाओं के हाथ बंध जाएंगे, जिसपर कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते की रोक लगने से आसमान नहीं फट पड़ेगा. इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा है कि बुलडोजर जस्टिस का महिमामंडन बंद होना चाहिए.
बीजेपी नेता ने क्या कहा?
देश की सबसे बड़ी अदालत के इस आदेश के बाद विपक्ष का रुख हमलावर है, लेकिन बीजेपी अदालत के आदेश के सम्मान की दुहाई दे रही है. बीजेपी नेता एसपी सिंह बघेल ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश आया है हमलोग सभी चाहे कोई भी हो राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार हम सभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं.’ बुलडोजर कार्रवाई के मुद्दे पर अब एक अक्टूबर को सुनवाई होनी है.
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