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Supreme court on Delhi NCR Pollution slams punjab haryana govt caqm says strict action is necessary ann


SC On Delhi NCR Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण मामले पर एक बार फिर पंजाब, हरियाणा और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) को आड़े हाथों लिया. कोर्ट ने कहा कि मामला कुछ कानूनों का पालन न होने तक सीमित नहीं है. यहां लोगों के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है. हवा में जहर घोलने और उन्हें रोकने में नाकाम रहने वालों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है.

पंजाब-हरियाणा को लगाई फटकार

कोर्ट के आदेश पर पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे. जस्टिस अभय ओका की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने दोनों को कड़ी फटकार लगाई. बेंच के सदस्य जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, “दिल्ली का अभी क्या हाल है और आगे क्या हाल होने वाला है, इसके बारे में सोचिए. आप भी तो पराली के प्रदूषण से प्रभावित होते होंगे. कम से कम अपने बारे में ही सोचिए.”

कोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल और चीफ सेक्रेट्री को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उन्होंने केंद्र से ट्रैक्टर और मशीनों के लिए फंड मांगने का गलत दावा किया. कोर्ट ने कहा कि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जिस अधिकारी के कहने पर यह एडवोकेट जनरल ने यह दावा किया, उसका नाम बताया जाए ताकि उसे अवमानना का नोटिस भेजा जाए.

पंजाब की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामला संभालने की कोशिश की. इस पर जस्टिस ओका ने कहा, “आप हमें अधिक कुछ कहने के लिए मजबूर न करें. राज्य सरकार की गंभीरता दिख रही है. पहले एडवोकेट जनरल ने कहा कि किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. अब आप बता रहे हैं कि इस साल 5 केस दर्ज हुए हैं. सिर्फ 5? क्या यह संभव है?”

सैटेलाइट रिपोर्ट को भी झुठला देते हैं- कोर्ट

कोर्ट ने आगे कहा कि पंजाब का हलफनामा यह भी नहीं बता रहा है कि गांव के स्तर पर निगरानी कमिटी कब बनी, नोडल ऑफिसर कब नियुक्त हुए. सरकार ने यह आदेश कब पारित किया? अगर यह कमिटी बनी तो अब तक इसने किया क्या है? इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि लगभग 9000 लोग नियुक्त किए गए हैं. जस्टिस अमानुल्लाह ने चुटकी लेते हुए कहा, “9000 लोगों ने मिल कर सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढी? वाह!”

इसके बाद कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से भी तीखे सवाल किए. कोर्ट ने कहा कि वह इस साल पराली जलाने की कम घटनाएं होने की दलील से सहमत नहीं है. जस्टिस ओका ने कहा कि ISRO सैटेलाइट से रिपोर्ट देता है. पंजाब और हरियाणा के अधिकारी उसे भी झुठला देते हैं.

‘गैस चैंबर बन जाएगी दिल्ली’

मामले में कोर्ट की सहायता कर रही एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा, “हर साल की यही कहानी है. इस साल कोर्ट ज्यादा गंभीरता से निगरानी कर रहा है, फिर भी वही रवैया है, पराली जल रही है. दीवाली आते-आते दूसरे कारण भी होंगे और दिल्ली गैस चैंबर बन जाएगी.” एमिकस क्यूरी ने बताया, “CAQM एक्ट की धारा 14 किसानों पर कार्रवाई करने से मना करती हैं. उनसे एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 15 के तहत मुआवजा वसूला जा सकता है. इसे भी निष्प्रभावी बना दिया गया है.

जजों ने कहा कि दोनों राज्य चुनिंदा लोगों से मुआवजा वसूल रहे हैं, वह भी सिर्फ 5 हजार रुपये, इस पर विचार की ज़रूरत है. केंद्र सरकार की वकील ने कहा कि इस पर विचार कर रकम को बाध्य जाएगा. कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से कहा कि वह चुनिंदा मामलों पर दिखावे की कार्रवाई न करें, सब पर एक्शन हो.

जजों ने CAQM से कहा कि CAQM एक्ट की धारा 14 के तहत निर्देशों का पालन न करने वाले लोगों के लिए 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान है. उसे पंजाब और हरियाणा के लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. सिर्फ नोटिस भेजना काफी नहीं है. कोर्ट ने CAQM से यह भी कहा कि वह अपने निष्क्रिय अधिकारियों को हटाने पर विचार करे. केंद्र सरकार EP एक्ट के तहत वसूले जाने वाले मुआवजे की राशि बढाए.

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