Supreme Court Justice Rishikesh Roy retired was also film producer or Journalist know life story
Supreme Court Justice Rishikesh Retired: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 जनवरी, 2025) को बहुआयामी प्रतिभा के धनी न्यायाधीश जस्टिस ऋषिकेश रॉय को एक कार्यक्रम में विदाई दी. 23 सितंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने जस्टिस रॉय बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. वह संगीत प्रेमी हैं और फिल्म निर्माता एवं थिएटर कलाकार भी रह चुके हैं.
जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने असम में कानूनी रिपोर्टिंग की थी. पीटीआई के लिए रिपोर्टर के रूप में काम कर चुके हैं. जस्टिस रॉय ने अपने अंतिम कार्य दिवस पर कहा, ‘‘उस समय मैं विधि संवाददाता था, जैसा कि पहले ही उल्लेख किया जा चुका है. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया और कानून संबंधी मेरी रिपोर्ट अक्सर प्रकाशित होती थीं. मैं थिएटर में काम करने का भी आनंद ले रहा था. किसी तरह मुझे गुवाहाटी के लिए कानून से संबंधित कार्यक्रम करने का मौका भी मिला था.’’
फिल्म ‘अपने अजनबी’ के निर्माता भी हैं जस्टिस रॉय
जस्टिस रॉय को विदाई देते हुए सीजेआई संजीव खन्ना ने उन्हें बहुमुखी व्यक्तित्व वाला ‘‘अद्वितीय न्यायाधीश’’ करार दिया. सीजेआई खन्ना ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति रॉय उन लोगों में से एक हैं, जिनकी प्रतिभा पेशे तक की सीमित नहीं है. हालांकि, हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास जस्टिस रॉय हैं.’’ उन्होंने कहा, जस्टिस रॉय फिल्म ‘अपने अजनबी’ के निर्माता हैं.’’
19 साल की न्यायिक यात्रा को दी विदाई
जस्टिस रॉय ने अपनी विदाई में कहा कि समय बहुत तेजी से आगे बढ़ता है और आज, जब वह अपनी 19 साल की न्यायिक यात्रा के इस अध्याय को बंद करने जा रहे हैं तो वह खुद को गहन कृतज्ञता, विनम्रता और आत्मनिरीक्षण से लैस पाते हैं और इस तथ्य से आश्चर्यचकित हैं कि इसने उन्हें कितना गढ़ा है.
टन्याय की खोज स्थिर हैट
जस्टिस रॉय ने कहा, ‘‘न्याय को वर्षों तक धीमी गति से आगे बढ़ना है और करीब दो दशकों तक न्यायाधीश के रूप में काम करने के बाद, अब मुझे एहसास हुआ है कि न्याय की खोज स्थिर है. धीरे-धीरे समाज को आकार दे रहा है और लोकतंत्र को मजबूत कर रहा है. जब मैं विदाई ले रहा हूं तो मैं उन लोगों के प्रति आभार के साथ ऐसा कर रहा हूं, जिन्होंने मुझसे पहले रास्ता तैयार किया और जो मशाल को आगे ले जाएंगे.’’ उन्होंने संविधान पीठ में रहते हुए फैसले लिखे और कहा कि हल्के मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले व्यक्ति 7,500 किलोग्राम से अधिक वजन वाले परिवहन वाहन चलाने के पात्र हैं. इसके अलावा उन्होंने तमिलनाडु में बैलों को काबू करने वाले खेल जल्लीकट्टू पर कानून की वैधता को बरकरार रखा.
क्या बोले कपिल सिब्बल?
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा कि जस्टिस रॉय ने न्यायिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाने के लिए गहरी प्रतिबद्धता के साथ-साथ कानून के शासन की अवधारणा को ठोस रूप दिया. सिब्बल ने कहा, ‘‘कुछ न्यायाधीशों के बारे में हम जानते हैं कि उनके हाथ में जिम्मेदारी होने पर वे सहज रूप से सभी पक्षों के लिए सही काम करेंगे. हम सुप्रीम कोर्ट में ऐसे ही न्यायाधीश चाहते हैं.’’
यह भी पढ़ें- 29 साल से फरार था दाऊद इब्राहिम गैंग का ‘हिंगू’, मुंबई पुलिस ने हुबली से किया अरेस्ट