Supreme Court judges After Manipur now going Arunachal Pradesh make tribal community about legal procedures ann
मणिपुर के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के जज अरुणाचल प्रदेश जा रहे हैं. जजों के इस कार्यक्रम का मकसद अरुणाचल के आदिवासी समुदाय और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को उनके अधिकारों और कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक बनाना है. यह कार्यक्रम नेशनल लीगल सर्विस ऑथोरिटी (NALSA) राज्य की लीगल सर्विस ऑथोरिटी के साथ मिलकर आयोजित कर रही है.
NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस उज्जवल भुइयां के साथ अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर जा रहे हैं. यह दौरा 29 और 30 मार्च को होगा. मेगा लीगल अवेयरनेस कैंप और सेवा आपके द्वार नाम के इस कार्यक्रम के तहत अरुणाचल प्रदेश के सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों में जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है.
कानूनी अधिकारों के बारे में किया जाएगा जागरूक
दोनों जज अरुणाचल के दिरांग, बोमडिला, पश्चिमी कामेंग और तवांग जाएंगे. NALSA की तरफ से यह भी बताया गया है कि वह लगातार ऐसे लोगों तक कानूनी मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, जो स्वयं सक्षम नहीं हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार अरुणाचल प्रदेश की 68 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासियों की है. लंबे समय से बड़ी संख्या में अरुणाचल के लोग देश की मुख्य धारा से कटे हुए हैं. ऐसे में उन्हें नागरिक के रूप में मिले कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देना जरूरी है.
सुप्रीम कोर्ट के दोनों जज अपने दौरे में अरुणाचल प्रदेश की कुछ जेलों में भी जाएंगे. साथ ही, चाइल्ड केयर होम का भी दौरा करेंगे. जिन लोगों को कानूनी सहायता की जरूरत है जज उनकी जरूरत के मुताबिक अधिकारियों को उनकी मदद का निर्देश देंगे. NALSA की तरफ से बताया गया है कि अरुणाचल प्रदेश के आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए कई कानून मौजूद हैं. मेगा लीगल अवेयरनेस कैंप के दौरान उन्हें इसकी जानकारी दी जाएगी. सेवा आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोगों को उनके कानूनी मसलों को निपटाने के लिए मुफ्त सहायता दी जाएगी.
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