Supreme Court Judge Oka Said to lawyer You may not like the judge but no harm apologizing to institution
एक मामले में पेश होने के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए स्थगन का अनुरोध करने वाले एक वकील को गुरुवार (20 फरवरी, 2025) को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई. वरिष्ठ वकील ने गुरुवार को शीर्ष अदालत को बताया कि उनकी ओर से अनुरोध उनकी जानकारी के बिना किया गया था,
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ को साल्वे के कार्यालय के एक वकील ने बताया कि उन्हें इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं दी गई. न्यायमूर्ति ओका ने कहा, ‘यदि वकीलों द्वारा अदालत से माफी मांगी जाती है, तो इसमें कोई बुराई नहीं होगी.’ उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि आपको न्यायाधीश पसंद न हों, लेकिन संस्था से माफी मांगने में कोई बुराई नहीं है. हो सकता है कि आपको कोई न्यायाधीश पसंद न हो, लेकिन बार के जूनियर सदस्यों में वो पश्चाताप भी नहीं दिखता. यह भविष्य में उनके लिए नुकसानदायक होगा.’
‘अदालत को कभी भी हल्के में न लें’
अदालत ने जब वकील से पूछा, ‘साल्वे के नाम पर स्थगन लेने वाले वकील के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, तो साल्वे के कार्यालय की ओर से पेश वकील ने कहा, ‘एक बात हमें बार-बार सिखाई गई थी कि अदालत को कभी भी हल्के में न लें. यही आपका मंदिर है, यहीं आपको पेश होना है और यहीं आपको झुकना है. कुछ लोग उनके (साल्वे के) नाम पर ऐसा कर रहे हैं और उन्हें इस बात का दुख है कि उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं है और लोग जाकर उनकी ओर से उल्लेख कर देते हैं.’
19 फरवरी को स्थगन की मांग करने वाले वकील ने पीठ के समक्ष उपस्थित होकर कहा था कि वह मुवक्किल के निर्देश पर काम कर रहे हैं. वकील ने अदालत से मामले की सुनवाई को 4 सप्ताह के लिए स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे इस मामले पर बहस करेंगे.’
इसके बाद शीर्ष अदालत ने अपनी असहमति व्यक्त की थी. पीठ ने कहा था, ‘क्या आपको लगता है कि अगर आप किसी वरिष्ठ वकील का नाम लेंगे, तो हम मामले को स्थगित कर देंगे? वकीलों की यह प्रवृत्ति बंद होनी चाहिए. हम सिर्फ इसलिए मामले को स्थगित नहीं करेंगे, क्योंकि आपने किसी वरिष्ठ वकील का नाम लिया है.’ बहरहाल अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया और सुनवाई स्थगित कर दी गई.
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