supreme Court expresses surprise over DMK leader Senthil Balaji appointment to cabinet a day after his bail ANN
Supreme Court DMK Leader: तमिलनाडु में भ्रष्टाचार के आरोपी सेंथिल बालाजी को दोबारा मंत्री बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि इससे गवाहों पर दबाव पड़ सकता है. लगभग 15 महीने हिरासत में रहे सेंथिल को 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी. 28 सितंबर को राज्य की डीएमके सरकार में उन्हें दोबारा मंत्री बना दिया गया.
सेंथिल बालाजी पर सरकारी नौकरी घोटाले का केस लंबित है. इसी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ED ने उन्हें 14 जून, 2023 को गिरफ्तार किया था. उन्हें जमानत मिलते ही मंत्री बना दिए जाने के खिलाफ मामले का एक गवाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. गवाह का कहना था कि इससे तमाम गवाह दबाव महसूस कर रहे हैं.
‘अगले दिन आप मंत्री बन जाते हैं’
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने बालाजी की जमानत तुरंत रद्द करने से तो मना कर दिया, लेकिन कहा कि वह याचिका पर सुनवाई करेंगे. जस्टिस ओका ने घटनाक्रम पर हैरानी जताते हुए कहा, “यह आखिर हो क्या रहा है? हम ज़मानत देते हैं और अगले दिन आप मंत्री बन जाते हैं! किसी को भी लगेगा कि आप गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.”
बालाजी के मंत्री होने से गवाहों के दबाव में आने की आशंका
याचिकाकर्ता ने डीएमके नेता पर लगे आरोपों को लेकर कहा था कि आरोपी के मंत्री पद पर होने के कारण डर से गवाह पीछे हट सकते हैं. बेंच ने कहा कि याचिका में सिर्फ यही एक पॉइंट है, जिस पर कोर्ट सुनवाई कर सकता है. इसके अलावा फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई और कारण नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को डीएमके नेता सेंथिल बालाजी को इस आधार पर जमानत दी थी कि वह जून, 2023 से कैद में हैं और ट्रायल के जल्दी शुरू होने की कोई संभावना नहीं है. जेल से रिहा होने के 3 दिन बाद ही 29 सितंबर को तमिलनाडू की स्टालिन सरकार में बालाजी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी.