Supreme Court Closes Proceedings against uttarakhand Government in case of misusing campa funds ann
Supreme Court on CAMPA fund Case: उत्तराखंड सरकार को CAMPA (प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) फंड के दुरुपयोग के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के सामने सफाई देनी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि CAMPA फंड का अधिकांश खर्च पर्यावरण संरक्षण, वनीकरण और संबंधित नियमों के तहत अनुमेय उद्देश्यों पर ही किया गया है. हालांकि, सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ मामलों में मामूली अनियमितताएं हुईं, जिन पर पहले ही विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई थी.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए मामले को आगे न बढ़ाने का फैसला किया. अदालत ने कहा कि यदि कोई चूक हुई भी है तो वह नगण्य प्रकृति की है. हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार को भविष्य में ऐसी त्रुटियों को न दोहराने की चेतावनी दी.
CAG की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लगाए गए आरोप लगाया
CAMPA फंड के दुरुपयोग का मामला तब उठा था, जब एक याचिका के जरिए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया गया कि उत्तराखंड सरकार ने इस फंड का उपयोग गैर-पर्यावरणीय कार्यों में किया. CAG की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड वन विभाग ने CAMPA फंड का उपयोग iPhone, लैपटॉप, फ्रिज, कूलर की खरीद, इमारतों के नवीनीकरण, अदालती मामलों और प्रशासनिक कार्यों पर किया, जबकि इस फंड का मुख्य उद्देश्य वनों का संरक्षण और पुनरोद्धार था.
‘मामूली चूक मानकर नजरअंदाज किया जाना चाहिए’
याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया कि यह फंड केवल पर्यावरणीय उद्देश्यों जैसे प्रतिपूरक वनीकरण, जल स्रोतों के संरक्षण और जैव विविधता को बनाए रखने के लिए खर्च किया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इसका दुरुपयोग किया. सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि CAMPA फंड का केवल 1.8 फीसदी हिस्सा (लगभग 753 करोड़ रुपए) ही गैर-पर्यावरणीय कार्यों पर खर्च हुआ. उन्होंने दलील दी कि यह राशि पूरी CAMPA निधि का बहुत छोटा हिस्सा है और इसे मामूली चूक मानकर नजरअंदाज किया जाना चाहिए.
आयोजन के दौरान उत्तराखंड में 7 लाख पौधे लगाए गए
SG मेहता ने अदालत को यह भी बताया कि फंड का उपयोग कई पर्यावरणीय परियोजनाओं में किया गया, जिनमें वनीकरण कार्यक्रम, जल संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और मिट्टी के कटाव को रोकने जैसे कार्य शामिल थे. उन्होंने हरेला महोत्सव का उदाहरण देते हुए बताया कि इस आयोजन के दौरान उत्तराखंड में 7 लाख पौधे लगाए गए, जो प्रतिपूरक वनीकरण के उद्देश्य से जुड़ा हुआ था.
जज ने क्या पूछा?
जब सॉलिसिटर जनरल ने CAMPA फंड से स्टेशनरी (रजिस्टर आदि) खरीदने का उल्लेख किया, तो जस्टिस बी.आर. गवई ने टिप्पणी करते हुए पूछा, “क्या आपका राज्य इतना गरीब है कि वह स्टेशनरी के लिए अलग से राशि आवंटित नहीं कर सकता?” इस पर SG मेहता ने कहा कि यह खर्च वन विभाग के प्रशासनिक उद्देश्यों के तहत किया गया था और इसे बड़ा उल्लंघन नहीं माना जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने उठाया था सवाल
CAMPA फंड के ब्याज जमा करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था. राज्य सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ब्याज दरें तय नहीं किए जाने के कारण ब्याज की राशि तय अवधि में जमा नहीं की जा सकी थी. SG मेहता ने बताया कि, जैसे ही केंद्र सरकार ने ब्याज दरों की अधिसूचना जारी की, राज्य सरकार ने CAMPA फंड में ब्याज की राशि जमा कर दी.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बंद करने का फैसला सुनाया
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए मामले को बंद करने का फैसला सुनाया. अदालत ने कहा कि CAMPA फंड के उपयोग में कुछ विचलन हुआ है, लेकिन वह बहुत मामूली स्तर का है. कोर्ट ने आदेश दिया कि भविष्य में उत्तराखंड सरकार यह सुनिश्चित करें कि CAMPA फंड का उपयोग केवल पर्यावरणीय उद्देश्यों के लिए ही किया जाए और ब्याज की राशि समय पर जमा की जाए. CAMPA फंड का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने और वनों के नुकसान की भरपाई के लिए किया गया था. इस फंड का मुख्य उद्देश्य उन परियोजनाओं की भरपाई करना है, जिनके लिए वनों को काटा जाता है. इसके तहत वनीकरण, जल स्रोतों का संरक्षण, मिट्टी के कटाव को रोकना और वन्यजीव सुरक्षा के कार्य किए जाते हैं
क्या दिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि CAMPA फंड का उपयोग केवल पर्यावरणीय उद्देश्यों के लिए ही होना चाहिए. अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि भविष्य में ब्याज दर के निर्धारण में देरी की स्थिति में अनुमानित ब्याज दर के आधार पर राशि जमा की जाए, जिसे बाद में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दर के अनुसार समायोजित किया जा सके.
कोर्ट ने दी ये चेतावनी
इसके अलावा, कोर्ट ने CAMPA फंड की निगरानी के लिए गठित सशक्त समिति को मजबूत करने की आवश्यकता भी जताई. अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि समिति के सदस्यों की नियुक्ति और व्यवस्था को शीघ्र पूरा किया जाए, ताकि फंड का सही तरीके से उपयोग हो सके. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए CAMPA फंड के कथित दुरुपयोग के मामले को मामूली चूक मानकर बंद कर दिया. अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि भविष्य में फंड का दुरुपयोग न हो और ब्याज राशि समय पर जमा की जाए. अदालत ने चेतावनी दी कि यदि आगे कोई अनियमितता पाई जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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