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Supreme Court Ban on Manual Scavenging in Six Metropolitan Cities Including Delhi


Supreme Court:  सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (29 जनवरी, 2025) को राजधानी दिल्ली समेत छह महानगरों में मैनुअल स्कैवेंजिंग यानी कि हाथ से मैला ढोने और मैनुअल सीवर सफाई पर बैन लगा दिया. जस्टिस सुधांशु धूलिया और अरविंद कुमार की बेंच ने फैसले में कहा है कि हम दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद महानगर में मैनुअल सीवर सफाई और मैनुअल स्कैवेंजिंग पर बैन लगा रहे हैं. 

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दाखिल किए हलफनामे में मैनुअल स्कैवेंजिंग और मैनुअल सीवर सफाई के खत्म करने के लिए कोई स्पष्टता नहीं दी है. ये भी कहा कि इन छह महानगर के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को निर्देश दिया है कि वह सटीक हलफनामा दायर करें. इसके जरिए ये बताया जाएगा कि मैनुअल स्कैवेंजिंग और सीवर सफाई कैसे और कब बंद की जाती है. इसके लिए अदालत ने 13 फरवरी तक का समय दिया है. 

याचिका में की गई थी ये मांग

डॉ. बलराम सिंह ने इस याचिका में कहा था कि मैनुअल स्कैवेंजरों के रोजगार और ड्राई शौचालय के निर्माण (निषेध) अधिनियम, 1993 के साथ मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के प्रासंगिक प्रावधानों को असरदार तरीके से लागू करने की मांग की थी. हम आदेश देते थक चुके हैं इसके बावजूद कोई इसका पालन नहीं कर रहा है. 

11 दिसंबर, 2024 को केंद्र को मिले थे निर्देश

बेंच ने बीते साल 11 दिसंबर, 2024 को केंद्र सरकार को यह निर्देश दिए थे कि वह 20 अक्टूबर, 2023 के मुख्य आदेश का किस हद तक पालन किया गया है. इसके लिए 2 हफ्तों के अंदर संबंधित राज्यों के स्टेकहोल्डर्स के साथ केंद्रीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक बुलाने को कहा था. इसके बाद स्थिति की रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा था. इसके बाद केंद्र ने जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें कहा गया है कि देश के 775 जिलों में से 456 में अब हाथ से मैला ढोने का काम नहीं किया जाता है. इसके बाद जब बेंच की ओर से दिल्ली के बारे में जानकारी मांगी गई तो बताया कि अब तक यहां पर इस आदेश का पालन नहीं किया गया है. 

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