Supreme Court asks Doctor Anil Khurana to leave National Commission for Homeopathy chief post ann | नेशनल होमियोपैथी कमीशन के अध्यक्ष की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट ने की रद्द, कहा
देश में होमियोपैथी की पढ़ाई की नियामक संस्था नेशनल कमीशन फॉर होमियोपैथी के अध्यक्ष की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि डॉक्टर अनिल खुराना इस पद के लिए तय मापदंड को पूरा नहीं करते. डॉक्टर खुराना की नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि अध्यक्ष बनने से पहले वह सिर्फ 4 साल नेतृत्व वाले पद पर रहे थे, जबकि 10 साल तक ऐसे पद पर रहे व्यक्ति को ही यह पद मिल सकता है.
नेशनल कमीशन फॉर होमियोपैथी में अध्यक्ष पद के दावेदार रहे डॉक्टर अमरागौड़ा एल पाटिल ने सबसे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट में डॉक्टर खुराना की नियुक्ति को चुनौती दी थी. कर्नाटक हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने डॉक्टर पाटिल की दलील को सही मानते हुए डॉक्ट खुराना की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया था. सिंगल बेंच ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय को अध्यक्ष पद के लिए नए सिरे से नियुक्ति का भी आदेश दिया था.
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच ने पलट दिया था. डिवीजन बेंच ने कहा था कि डॉक्टर खुराना जिन पदों पर रह चुके हैं, चयन कमेटी ने उन्हें नेतृत्व का पद माना है. अध्यक्ष का चयन करने वाली विशेषज्ञ कमेटी के काम में कोर्ट दखल नहीं देगा.
अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि डॉक्टर अनिल खुराना अध्यक्ष पद के लिए तय पात्रता को पूरा नहीं करते. ऐसे में कोर्ट ने कहा है कि वह 1 सप्ताह के भीतर पद छोड़ दें. इस अवधि के दौरान अध्यक्ष के रूप में वह कोई नीतिगत निर्णय न लें.
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