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Aurangabad News: औरंगाबाद पुलिस ने मदनपुर में हुए नरबलि कांड का उद्भेदन कर लिया है और इस मामले में एक विधि विरुद्ध किशोर को निरुद्ध किया गया है. साथ ही चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में शुक्रवार को एसपी अम्बरीष राहुल ने जानकारी दी.
एसपी ने किया मामले का खुलासा
एसपी ने बताया कि 19 मार्च 2025 की संध्या में मदनपुर थानाध्यक्ष को कुछ लोगों के जरिए सूचना दी गई थी कि होलिका दहन के दिन 13 मार्च को गुलाब बिगहा के 65 वर्षीय युगल यादव घर से निकले थे, जो अभी तक वापस घर नहीं लौटे हैं.
इस संदर्भ में लिखित आवेदन के आधार पर मदनपुर थाना में सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कर अग्रतर अनुसंधान प्रारंभ किया गया. कांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद के जरिए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर- 2 के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर कांड के त्वरित उद्भेदन एवं अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए निर्देशित किया गया.
गठित विशेष टीम के जरिए आसूचना संकलन के आधार पर तीन-चार दिनों के अंदर पूर्णाडीह गांव के समीप बंगरे गांव के होलिका दहन सामग्री से किसी व्यक्ति के हड्डी मिलने की बात प्रकाश में आई. इसके बाद औरंगाबाद पुलिस के जरिए होलिका दहन वाले स्थान का निरीक्षण किया गया, जहां से अपहृत व्यक्ति का चप्पल बरामद हुआ और पास के पुलिया पर खून का निशान पाया गया.
गठित विशेष टीम ने आगे की कार्रवाई के लिए डॉग स्कवायड एफएसएल टीम को घटनास्थल के निरीक्षण के लिए बुलाया. ट्रैकर डॉग खून का निशान और बरामद हड्डी वाले स्थान होते हुए रामाशीश रिकियासन के घर पर पहुंच गया, जहां पर रामाशीश रिकियासन मौजूद नहीं पाया गया. घर पर उपस्थित उसके साले धर्मेंद्र रिकियासन को पुलिस के जरिए पूछताछ के लिए थाना पर लाया गया.
पूछताछ के क्रम में धर्मेंद्र रिकियासन ने उक्त कांड में अपनी संलिप्ता स्वीकार की. इसके बाद धर्मेंद्र रिकियासन को विधिवत गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद उसने पूरा सच पुलिस के सामने उगल दिया. धर्मेंद्र ने बताया कि सुधीर पासवान को बच्चा नहीं हो रहा था. ऐसी स्थिति में वह उसके बहनोई से मिला जो तंत्र विद्या जानते थे, उन्होंने बच्चा होने के लिए नरबलि की बात की और उसी क्रम में युगल यादव का अपहरण कर कांड को अंजाम दिया गया.
पुलिस ने धर्मेंद्र की निशानदेही पर अपहृत व्यक्ति का साईकिल बरामद की. उसके बाद आसपास पूछताछ से पता चला कि व्यक्ति की गर्दन काट कर तंत्र क्रिया की गई और धड़ को होलिका दहन में जला दिया गया. जांच के क्रम में विशेष टीम के जरिए होलिका दहन वाले स्थान का निरीक्षण के दौरान जले हुए शव की हड्डी बरामद हुई. उसके बाद एफएसएल टीम के जरिए बरामद हड्डी के सैंपल को डीएनए जांच के लिए भेजा गया है.
कटे हुए गर्दन को उक्त अभियुक्त के बताए हुए जगह पर पुलिस के जरिए रात भर कुदाल से 1 फीट तक जमीन को खोदा गया. अगले दिन सुबह में डॉग स्वक्वाइड टीम को पुनः बुलाया गया उसके बाद खोदे हुए जमीन के पास के ही गेहूं के खेत से मृतक के सिर को बरामद किया गया.
कटे सिर को अस्थि परीक्षण के लिए भेजा गया
पूछताछ के क्रम में अभुिक्तों की निशानदेही पर बरामद कटे सिर को डीएनए जांच एवं सिर को अस्थि परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है. कई लोगों की गवाही और अभियुक्त के बयान के आधार पर इस कांड में संलिप्त अन्य पांच अभियुक्तों के शामिल होने की बात सामने आई है. उसके बाद गठित विशेष टीम त्वरित कार्रवाई करते हुए चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और एक विधि विरुद्ध बालक को निरूद्ध किया गया.
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