Super Dancer 3 Judges Asked Obscene Questions To Children Now NCPCR President Priyank Kanungo Sought Answers
Delhi News: टीवी की दुनिया में पॉपुलर डांस रियलिटी शो ‘सुपर डांसर चैप्टर 3’ की मुश्किलें बढ़ गई हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सोनी टीवी के खिलाफ नोटिस जारी किया है. आयोग ने चैनल के शिकायत अधिकारी शाइस्ता नकवी को एक लेटर लिखा, उनसे डांस रियलिटी शो ‘सुपर डांसर चैप्टर 3’ के एक एपिसोड को हटाने की मांग की है. जहां जजों को कथित तौर पर मंच पर उसके माता-पिता के बारे में एक छोटे से ‘अश्लील और सेक्शुल रिलेशन’ से संबंधित सवाल पूछते देखा गया.
दरअसल, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि, हमें एक एक्टिविस्ट ग्रुप, ‘जेम्स ऑफ बॉलीवुड’ से शिकायत मिली है कि सोनी टीवी पर ‘सुपर डांसर चैप्टर 3’ नाम का एक शो चल रहा है. जिसमें बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. इसके बाद हमने मामले की जांच की और पाया कि बच्चों से अनुचित सवाल पूछे जा रहे हैं. साथ ही उन्हें अपने माता-पिता के सामने अजीब परिस्थितियों में रखा जा रहा है. यह बच्चों के लिए इंटरटेंटमेंट इंडस्ट्री में एनसीपीसीआर द्वारा बनाए गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन है. हमने इस मुद्दे पर कार्रवाई शुरू करने के लिए संबंधित चैनल और डीएम को लेटर लिखा है.
#WATCH | Delhi | “We received a complaint from an activist group, ‘Gems of Bollywood’ that there’s a show named Super Dancer 3 on Sony TV in which kids are being ill-treated. We examined the issue and found out that kids are being asked inappropriate questions and they are being… pic.twitter.com/aq5PBlXLz5
— ANI (@ANI) July 26, 2023
इन धाराओं के तहत लिया गया संज्ञान
बता दें कि, एनसीपीसीआर ने लेटर में कहा,आयोग को सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित डांस शो सुपर डांसर चैप्टर 3 का एक वीडियो ट्विटर पर मिला है, जिसमें यह देखा जा सकता है कि शो के जज नाबालिग बच्चे से उसके माता-पिता के बारे में अश्लीलता से भरे सवाल पूछ रहे थे. साथ ही आयोग ने कहा कि ये सवाल नाबालिग बच्चे से पूछे जाने वाले नहीं थे. ये सवाल बच्चों के लिहाज से अनुचित थे. मामले को देखते हुए आयोग ने CPCR एक्ट, 2005 की धारा 13 (1) (जे) के तहत संज्ञान लिया और पाया कि चैनल ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत प्रावधानों का उल्लंघन किया है. इसके अलावा आयोग का यह भी मानना है कि ये कंटेंट आयोग के दिशा निर्देशों का भी उल्लंघन करती है.