Sudhakar Singh Got Furious On Nitish Kumar Officials In Kaimur Said Spit On Their Face Ann | CM नीतीश के अधिकारियों पर भड़के सुधाकर सिंह, कहा
कैमूर: किसान महापंचायत सभा में रविवार (08 अक्टूबर) को पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने विवादित बयान दे दिया. सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार (Nitish Government) के अधिकारियों पर भड़ास निकाली. कहा कि लाठी-डंडा से डर लगता है कि सिर फूट जाएगा और 302 हो जाएगा तो लोहिया ने बताया था. आसान तरीका है. अधिकारी के मुंह पर थूक दो. कलेक्टर के मुंह पर अगर 100 आदमी थूक दीजिएगा तो वह कौन दफा में जेल भेजेगा? फूल का माला क्यों पहनाते हैं? आप कलेक्टर को अधिकारियों के गर्दन में फटे हुए जूते का माला लटका दीजिए. लिच्छवी भवन भभुआ में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ था.
सुधाकर सिंह ने कहा बिहार में विकास के विरोधी सरकार में बैठे हुए अधिकारी हैं. यहां गांव में नक्सली नहीं हैं और ना ही जंगल में हैं. यहां सरकार की कुर्सी पर जो बैठे हुए हैं वह नक्सली हैं जो जनता की बात को नहीं सुनते हैं. राकेश टिकैत के नेतृत्व में देश की सरकार को 15 महीने में घुटने पर ला दिया गया था. सरकार (बिहार सरकार) घुटने पर आई तभी हमने इस्तीफा दिया. जिस दिन मशीन लेकर भारतमाला एक्सप्रेसवे बनाने लोग आएंगे उसी दिन से हमारी लड़ाई शुरू होगी.
‘मंडी कानून को लेकर पूरे बिहार में होगा आंदोलन‘
सुधाकर सिंह ने कहा कि एक टमाटर का भाव बढ़ता है तो देश की सरकार हिलने लगती है आप अपने अनाजों को 50% उत्पादन कम कर दीजिए सरकार नतमस्तक हो जाएगी. हर जगह घूसखोरी की बात सुनकर सिर शर्म से झुक जाता है. ऊपर से लेकर नीचे तक सभी भ्रष्ट हैं तो आखिर गुहार कहां लगाई जाए? अगर जो कोई आपका काम ना करे उसे आप कभी वोट न दीजिएगा, चाहे मैं ही क्यों ना रहूं. भ्रष्ट अधिकारियों का आप भीड़ में वाहन जला दीजिए तब तो कोई दफा नहीं लगेगा, या उन्हें जूता का माला पहना दीजिए तब तो यह कोई मुकदमा नहीं कर पाएंगे. मंडी कानून को लेकर पूरे बिहार में आंदोलन शुरू होगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने क्या कहा?
महापंचायत सभा में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने भी बिहार सरकार पर हमला बोला. राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार मंडी कानून और एमएसपी लागू नहीं करेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. चुनाव से पहले हम दिल्ली की तरह आंदोलन बिहार की सड़कों पर करेंगे. 18 साल से सत्ता पर एक ही आदमी काबिज है. दल बदलते हैं, दिल बदलते हैं, लेकिन कुर्सी नहीं बदलती. किसानों के हक की लड़ाई लड़कर रहेंगे. सवा करोड़ रुपया प्रति एकड़ से कम भारत माला एक्सप्रेस वे में किसानों को मिला भूमि अधिग्रहण का मूल्य तो बड़ा आंदोलन होगा.