Stubble Burning In Haryana UP Behind Delhi Air Pollution Says Environment Minister Gopal Rai – Delhi Pollution: हरियाणा, यूपी में पराली जलाना वायु प्रदूषण बढ़ने के पीछे की वजह: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री
Delhi Pollution : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच रविवार को कहा कि पंजाब में जलने वाली पराली का राष्ट्रीय राजधानी पर उतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खेतों की आग से निकलने वाले धुएं का पड़ता है. आप नेता ने कहा कि केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में पराली जलाने के मामले कम हो गए हैं.
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उन्होंने कहा कि हवा चलेगी तो ही पंजाब का धुआं दिल्ली पहुंचेगा. अभी दिल्ली के चारों तरफ धुआं है. हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पराली का धुआं दिल्ली पहुंच रहा है.”
लगातार चौथे दिन दिल्ली में एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में रही
इस बीच, आज यानी रविवार को लगातार चौथे दिन दिल्ली में एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में रही. SAFAR-India द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, लोधी रोड इलाके में एयर क्वालिटी 385 (बहुत खराब) दर्ज की गई. दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में एयर क्वालिटी 456 (गंभीर) है. एएनआई ने ड्रोन कैमरे के फुटेज में कुतुब मीनार क्षेत्र में हवा में धुंध की एक मोटी परत दिखाई दी.
प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों ने सांस लेने में कठिनाई की शिकायत की
वहीं, लोधी गार्डन में सुबह की सैर करने वाले एक व्यक्ति मनोहर लाल ने प्रदूषण में वृद्धि के कारण सांस लेने में कठिनाई की शिकायत की. मनोहर लाल ने कहा, “प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है. इन दिनों सांस लेना मुश्किल है. लोधी गार्डन में पहले काफी लोग आते थे, लेकिन अब सिर्फ 10 फीसदी लोग ही यहां आ रहे हैं. इस साल प्रदूषण अपने चरम पर है.”
एक अन्य व्यक्ति अजय ने कहा कि प्रदूषण के कारण आंखों में जलन हो रही है. प्रदूषण की स्थिति ऐसी है कि आंखों में जलन हो रही है. पहले स्थिति बेहतर थी, लेकिन अब स्थिति खराब होती जा रही है.
नोएडा, गुरुग्राम में में भी एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंची
इसी तरह की स्थिति नोएडा में भी दर्ज की गई, जहां SAFAR-India के अनुसार, एयर क्वालिटी 466 AQI के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई. गुरुग्राम में AQI 392 दर्ज किया गया, जिससे एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही.
स्वस्थ व्यक्ति के लिए 50 से कम होना चाहिए AQI
डॉक्टरों के अनुसार, किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से अधिक हो गया है, जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है. यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का भी खतरा पैदा हो सकता है.