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Sirohi Sessions Court decision 6 accused acquitted in murder robbery case gave instructions to dgp ann


Rajasthan News: राजस्थान के सिरोही सेशन न्यायालय ने 2016 के रामरंग धाम आश्रम डकैती और हत्या मामले में छः आरोपियों को साक्ष्य व ठोस प्रमाणों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया. सेशन जज रूपा गुप्ता ने तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर मीठूलाल की निम्न स्तर की जांच पर तल्ख टिप्पणी करते हुए राजस्थान के डीजीपी को उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई और विशेष प्रशिक्षण कराने के निर्देश दिए हैं.

सिरोही सेशन जज सिरोही रूपा गुप्ता ने आरोपियों के विरूद्ध साक्ष्य के अभाव में 8 साल पूर्व रामरंग धाम आश्रम खांबल में डकैती को लेकर हुए हमले के चर्चित मामले में छ: आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया. पूरे मामले में सिरोही सेशन जज द्वारा तत्कालीन थानाधिकारी और जांच अधिकारी के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को विभागीय पत्र लिखकर कार्रवाई करने और उन्हें विशेष प्रशिक्षण करवाने के आदेश दिए गए हैं.

यह है पूरा है मामला
सिरोही सेशन जज रूपा गुप्ता द्वारा साल 2016 में श्री रामरंग धाम आश्रम खांबल सिरोही में महंत और उनके भाविकों पर डकैती के उद्देश्य से किए हमले में एक ही हत्या होने के गंभीर मामले में निम्न स्तर का अनुसंधान करने पर छ: लोगों को दोषमुक्त करार दिया. इस मामले में कोर्ट ने माना कि हत्या, डकैती जैसे मामले में भी अनुसंधान करने वाले तत्कालीन थानाधिकारी ने निम्न स्तर का अनुसंधान किया. 

राजस्थान डीजीपी को जांच अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करवाने एवं विशेष प्रशिक्षण करवाने के आदेश दिए गए हैं. इसमें रामरंग धाम आश्रम खांबल में महंत सूरदास व उनके भाविकों पर डकैती के प्रयोजन से मध्य रात्रि में हुए हमले में भाविक अहमदाबाद निवासी कन्हैयालाल प्रजापत की हत्या की गई थी.

उस दौरान महंत सूरदास व मंगल सिंह सहित कई भक्तों घायल हो गए थे. इस मामले में 8 अगस्त 2016 को परिवादी मंगलसिंह ने सिरोही कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी.

जांच अधिकारी को प्रशिक्षण देने के दिये निर्देश 
न्यायालय की तल्ख़ टिप्पणी में सेशन जज सिरोही ने माना कि हत्या जैसे गंभीर अपराध में अनुसंधान अधिकारी पुलिस निरीक्षक मीठूलाल ने निम्न स्तर का अनुसंधान किया. इसी मामले में सेशन जज सिरोही रूपा गुप्ता ने सुनवाई करते हुए पुलिस की ओर से पकड़े 6 लोगों को ठोस साक्ष्य नहीं होने और अनुसंधान में खामियां होने पर उन्हें दोषमुक्त करार दिया.

सेशन जज सिरोही रूपा गुप्ता के आदेश में कहा- हत्या व डकैती जैसे मामले में पुलिस निरीक्षक को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए. हत्या जैसे अपराध में अनुसंधान अधिकारी पुलिस निरीक्षक मिठूलाल ने बहुत निम्न स्तर का अनुसंधान किया है. इससे आरोपियों के विरुद्ध आरोप साबित करने के लिए साक्ष्य नहीं मिले. पुलिस निरीक्षक वर्तमान में पीटीएस खेरवाड़ा में कार्यरत होकर पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहा है. इस पुलिस निरीक्षक को अनुसंधान किस प्रकार किया जाता है. उन्हें ऐसे मामले में विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है.

क्या कहते है लोक अभियोजक
अनुसंधान अधिकारी ने बेहद ही निम्न स्तर का अनुसंधान कर प्रकरण में बहुत कमियां रखी. आरोपियों के विरुद्ध ऐसी कोई लैस मात्र भी ठोस साक्ष्य नहींथे, जिससे उन्हे न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध किया जा सके. लोक अभियोजक, सिरोही डॉ. लक्ष्मणसिंह बाला ने बताया कि जांच में अनुसंधान अधिकारी ने घटनास्थल से चांस प्रिंट लिए थे. लेकिन, उनका आरोपियों के चांस प्रिंट से मिलान नहीं करवाया. घटनास्थल से खाई हुई सेव बरामद की गई. इस पर पाए गए सलाइवा व आरोपियों के सलाइवा से मिलान के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला में नहीं भेजे गए.

आरोपियों के पास मोबाइल होने की उनकी घटनास्थल पर उपस्थिति को लेकर लोकेशन को ट्रेस नहीं किया गया. इस मामले में न्यायालय ने माना कि निम्न स्तर की जांच होने से आरोपियों के विरुद्ध आरोप साबित करने के सबूत नहीं मिले हैं. जिसकी वजह से आरोपी दोषमुक्त हो गए हैं.

सिरोही से तुषार पुरोहित कि रिपोर्ट.

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