Should The Culprits Be Sent To Jail Again SC In Bilkis Bano Case
Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो के दोषियों की समयपूर्व रिहाई के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है और दोषियों को वापस जेल भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दोषियों को दो हफ्ते में सरेंडर करने को कहा है
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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बिलकिस बानो के दोषियों की समयपूर्व रिहाई के मामले को लेकर न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने फैसला सुनाया है.
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न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने कहा कि एक दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में केस के तथ्य छिपाए. इस तरह अदालत के साथ धोखा किया गया है. दोषी ने सुप्रीम कोर्ट से 2022 का आदेश धोखे से लिया है.
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जस्टिस नागरत्ना ने आगे कहा कि 13 मई, 2022 का फैसला भी “प्रति इंक्यूरियम” (कानून की दृष्टि से खराब) है. क्योंकि इसने छूट के लिए उपयुक्त सरकार के संबंध में श्रीहरन में संविधान पीठ के फैसले सहित बाध्यकारी मिसालों का पालन करने से इनकार कर दिया.
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सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात के पास छूट का फैसला करने की शक्ति है. 1992 की छूट नीति, जो हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार के लिए छूट की अनुमति देती है, लागू है.
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सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की सजा माफी के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि गुजरात सरकार फैसला लेने के लिए उचित सरकार नहीं है.
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सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अब जब रिहाई का आदेश रद्द कर दिया दिया, तो आगे क्या होगा? क्या आदेश रद्द कर उन्हें वापस जेल भेज दिया जाना चाहिए? यह हमारे सामने एक नाजुक प्रश्न रहा है, ये पर्सनल लिबर्टी का मामला है ?
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सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कोई व्यक्ति केवल कानून के अनुसार ही स्वतंत्रता की सुरक्षा का हकदार है. क्या कानून का शासन किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हावी हो सकता है या इसके विपरीत?
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के शासन का पालन किए बिना न्याय नहीं किया जा सकता. न्याय में सिर्फ दोषियों के ही नहीं बल्कि पीड़ितों के भी अधिकार शामिल हैं.
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अपना फैसला सुनाते समय सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि दोषियों को जेल से बाहर रहने की इजाजत देना अमान्य आदेशों को मंजूरी देने जैसा होगा.
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बिलकिस बानो उस वक्त 21 वर्ष की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब साम्प्रदायिक दंगों के दौरान उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. उसकी तीन वर्षीय बेटी परिवार के उन सात सदस्यों में शामिल थी, जिनकी दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी.