Shivsena UBT Leader Sanjay Raut On Israel Embassy Letter No Intention To Hurt Israel I Deleted That Post | हिटलर वाले ट्वीट पर इजरायली दूतावास ने दी कड़ी प्रतिक्रिया तो संजय राउत बोले
Sanjay Raut on Hitler Tweet Row: इजरायल और हमास के बीच जंग के बीच भारतीय राजनीति भी दो धड़ों में बंट गई है. हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के एक ट्वीट को लेकर भारत में इजरायल के दूतावास ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. इस पर अब संजय राउत ने सफाई दी है.
संजय राउत की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर हमास के हमले के 7वें दिन हिटलर के नाम के साथ एक पोस्ट की गई थी. जिस पर इजरायली दूतावास (Israel Embassy) ने ना केवल कड़ी आपत्ति जाहिर की, बल्कि एक पत्र विदेश मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी लिखा.
‘डिलीट कर दिया था ट्वीट’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस मामले पर शिवसेना (यूबीटी) नेता राउत ने कहा कि उनका हिटलर वाला ट्वीट जिसको उन्होंने डिलीट कर दिया था. वह ट्वीट इजरायल को चोट पहुंचाने के मकसद से नहीं किया गया, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि डिलीट पोस्ट पर एक माह बाद इजरायली दूतावास की ओर से लिखे गए पत्र से साबित होता है कि दूतावास को किसी ने प्रेरित किया होगा.
#WATCH | Mumbai: On the Israeli Embassy’s letter to India over his ‘Hitler’ post, Uddhav Thackeray faction leader Sanjay Raut says “It’s been a long time since that tweet. I removed that tweet. There was a reference to Hitler in that, but I had no intention to hurt Israel. The… pic.twitter.com/e32GIbFHSt
— ANI (@ANI) November 25, 2023
इजराजली दूतावास की तरफ से विदेश मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर संजय राउत के ‘यहूदी विरोधी’ ट्वीट पर निराशा व्यक्त की थी.
गाजा के अल-शिफा अस्पताल पर हमले के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता राउत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था- ”उन्हें एहसास हुआ कि हिटलर यहूदियों से इतनी नफरत क्यों करता था.”
‘मैंने हमास हमले की आलोचना की थी’
“जब से मैंने उस पोस्ट को एक्स पर साझा किया है तब से काफी समय हो गया है. मैंने वह पोस्ट हटा दी है. मैंने अपनी पोस्ट में हिटलर का जिक्र दिया था लेकिन इजरायल को चोट पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था. मैंने उसकी भी आलोचना और निंदा की थी जिस तरह से हमास ने दक्षिणी इजरायल पर हमला किया और निर्दोष लोगों की जान ली थी.
‘युद्ध के दौरान बच्चों को निशाना नहीं बनाने की कही थी बात’
हालांकि, साथ ही मैंने गाजा के अस्पतालों पर जिस तरह से हमला किया गया और नवजात शिशुओं और बच्चों को मार डाला और उनकी सभी जरूरी सप्लाई को रोक दिया गया, उसकी भी निंदा की थी. संजय राउत ने कहा कि मेरा मानना है कि युद्ध के दौरान बच्चों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.
राउत ने कहा, “एक महीने के बाद भारत स्थित इजरायल के उच्चायोग ने मेरी पोस्ट के ऊपर लिखा. मुझे लगता है कि किसी ने उनको मुझ पर लिखने के लिए प्रेरित किया होगा.”
आलोचना के बीच संजय राउत ने हटा दी थी पोस्ट
यह पोस्ट हमास की ओर से इजरायल पर हमले के 7 दिनों के बाद 14 अक्टूबर को की गई थी जिसकी आलोचना हुई तो संजय राउत ने उसे हटा दिया. इस पोस्ट को नरसंहार के समर्थन के तौर पर देखा गया.
‘गाजा में हुई अमानवीय घटना की आलोचना की थी’
संजय राउत ने कहा कि उन्होंने इजरायल पर हमास के हमले की भी निंदा की थी और उनका हिटलरी ट्वीट इजरायल को चोट पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि गाजा में हुई अमानवीय घटना की आलोचना करने के लिए था.
हमास हमले को भारत ने आतंकवादी हमला बता किया था इजरायल का समर्थन
इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमास हमले को भारत ने आतंकवादी हमला करार दिया था और इजरायल का समर्थन किया था. भारत के रुख के लिए इजराइल दूतावास ने आभार जताया. साथ ही इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर दो-राज्य समाधान में अपना विश्वास भी जताया.
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