Shimla Sanjauli Mosque Dispute Case Municipal Commissioner Court Hearing Update ANN | MC आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद मामले पर की सुनवाई, जानें
Sanjauli Mosque Latest Update: शनिवार को नगर निगम आयुक्त की अदालत में संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई हुई. नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष और वक्फ बोर्ड को शेष दो फ्लोर का रिप्लाई फाइल करने के आदेश दिए हैं. इससे पहले नगर निगम आयुक्त की अदालत ने तीन फ्लोर को हटाने के आदेश दिए थे, जो अब भी बरकरार हैं.
संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड को अब ग्राउंड फ्लोर और पहले फ्लोर पर रिप्लाई फाइल करने के लिए कहा गया है. संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की ओर से रिप्लाई फाइल करने के बाद मामले में सुनवाई की नई तारीख तय होगी. गौर हो कि संजौली में पांच मंजिला मस्जिद बनाई गई है.
जिला अदालत में भी चल रही है सुनवाई
संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत में भी अलग से सुनवाई चल रही है. नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत के फैसले को जिला अदालत में चुनौती देने वाली याचिका पर अब 18 नवंबर को सुनवाई होनी है. मुस्लिम पक्ष ने नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आयुक्त ने मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए हैं.
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने की लिखित पेशकश की, जिसके लिए वह अधिकृत नहीं थे. यह सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-I, शिमला की अदालत में जज प्रवीण गर्ग सुन रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने भी दिए हैं आदेश
बता दें कि पांच अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद के दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए थे. 11 सितंबर को खुद संजौली मस्जिद कमेटी ने ही अवैध बताए जा रहे हिस्से को खुद हटाने की पेशकश की थी. नगर निगम आयुक्त की अदालत से आदेश आने के बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लिया.
21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भी संजौली मस्जिद के पूरे ढांचे की वैधता पर अंतिम फैसला आठ हफ्ते के भीतर करने के आदेश जारी किए. इस मामले के जल्द निपटारे के लिए संजौली के स्थानीय निवासियों की ओर से याचिका दायर की गई थी. यह मामला नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में लंबित है. याचिका के माध्यम से नगर निगम आयुक्त को मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने के आदेश जारी करने की मांग की गई थी.
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