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Shimla Risking His Life To Save Others The Young Man Landed In Debris Died Himachal Pradesh Ann


Shimla News: सावन के महीने के आखिरी सोमवार का दिन था. सुबह करीब सात बजे शिमला (Shimla)के फागली (Phagli) में अचानक भूस्खलन हुआ और इसकी चपेट में करीब पांच घर आ गए. देखते ही देखते मदद के लिए चीख-पुकार मच गई. हर कोई मदद के लिए की गुहार लगा रहा था. इस बीच आसपास रहने वाले लोगों ने स्थिति का तुरंत आकलन कर मदद करने की कोशिश की. मदद के लिए इसी इलाके में रहने वाले सलाउद्दीन बाबर खान भी आगे आए. बाबर का छोटा भाई भी इसी मलबे में फंसा था.

धीरे-धीरे घटना की जानकारी आसपास के लोगों को लगी. आनन-फानन में पुलिस को भी सूचना दी गई. हर कोई तबाही का यह मंजर देख कर सहम गया था. लगातार हो रही बारिश की वजह से मिट्टी खिसकने का क्रम भी जारी था. हर कोई आकर बाबर खान के बारे में भी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा था. वास्तव में बाबर खान का व्यक्तित्व ऐसा था, जिससे इलाके का हर शख्स प्रभावित था. बड़ों को सम्मान और छोटों को प्यार ही बाबर की पहचान थी. लोगों की हर वक्त मदद के लिए बाबर खान तैयार रहते.

मलबे की चपेट में आ गया मदद करने गया बाबर खान
अब यह सुनकर हर कोई हैरान रह गया कि बाबर खान खुद भी इस मलबे की चपेट में आ गया, जिसमें वह आसपास के लोगों को बचाने के लिए उतरा था. दरअसल, भूस्खलन के बाद बाबर ने मलबे में उतरकर दबे लोगों को मदद करने की कोशिश की, लेकिन तभी अचानक दूसरा भूस्खलन हो गया और बाबर खान इसकी चपेट में आ गया. बाबर के साथ उनके अन्य साथियों को भी मलबे की चपेट में आने से चोट लगी. स्थानीय पार्षद कल्याण धीमान भी बाल-बाल मलबे की चपेट में आने से बचे.

दूसरा भूस्खलन होते ही आसपास के इलाके में भी चीख-पुकार मच गई. हर कोई तबाही का यह मंजर देखकर डर गया था. अब कोई भी घटनास्थल पर जाने से डरने लगा. मौके पर ही मौजूद कुछ स्थानीय युवाओं ने हिम्मत दिखाई और रेस्क्यू करने गए अन्य युवाओं को मलबे से बाहर निकाला. भूस्खलन की तीव्रता और प्रभाव इतना ज्यादा था कि लोगों को मलबे से निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. लगातार हो रही बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. मौके पर रेस्क्यू कर रहे जवानों ने कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन बाबर खान इसमें शामिल नहीं था. 

और फिर शांत हो गई वह आवाज
दोपहर बाद बाबर का शव बरामद हुआ, जिसकी शिनाख्त इलाके के पूर्व पार्षद संजय सूद ने की. मदद के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर बल में उतरे बाबर की मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया. शिमला की वह आवाज ‘मैं सलाउद्दीन बाबर खान. पेश है आज के मुख्य समाचार’ भी हमेशा के लिए शांत हो गई, जो अक्सर आकाशवाणी के समाचार बुलेटिन में भी सुनाई दिया करती थी.

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