Shehzad Poonawala question to CM Arvind Kejriwal why not they join ED inquiry?
Delhi News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के ईडी के छठे समन मिलने के बावजूद सोमवार को पूछताछ में शामिल नहीं हुए. उसके बाद से विरोधी दलों के नेताओं का उन पर हमला जारी है. अब ईडी की पूछताछ में शामिल न होने पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “वह (दिल्ली के सीएम) न केवल भ्रष्टाचार के मामले में नंबर वन है, बल्कि वो भगोड़ा नंबर वन भी है. उनके पास शराब घोटाले के मास्टरमाइंड के रूप में छिपाने के लिए अग कुछ नहीं है, तो ईडी के समन पर अमल करते हुए पूछताछ में शामिल क्यों नहीं होते?”
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का कहना है कि पूछताछ में शामिल न होने से साफ है कि उनके पास छुपाने के लिए कुछ है. उचित यही होगा कि वो ईडी के समन के अनुसार पूछताछ में शामिल हों. इसके उलट वो ईडी के समन को अवैध बता रहे हैं.
#WATCH | On Delhi CM Arvind Kejriwal skipping the 6th ED summon, BJP National Spokesperson Shehzad Poonawalla says, “He has become ‘Bhagoda’ number one. He has something to hide as the mastermind of the liquor scam…The court says that the summons are proper and you should go… https://t.co/yBjtzzKRBV pic.twitter.com/k3RWzcVvFF
— ANI (@ANI) February 19, 2024
जांच बच रहे हैं दिल्ली के सीएम
अब तो कांग्रेस पार्टी भी कह रही है कि शराब घोटाले में आपके पास जवाब देने के लिए बहुत सारे सवाल हैं. तो क्या वे भी प्रतिशोध ले रहे हैं. प्रतिशोध की राजनीति आखिर कौन कर रहा है? राजनीति में आने से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल कहा करते थे कि भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद पहले मंत्री को इस्तीाफा देनी चाहिए, लेकिन वो खुद को कट्टर ईमानदार कहने के बाद भी जांच से भाग रहे हैं. उनका ये तरीका जांच से बचने वाला है. उन्होंने कहा कि अब तो अदालत ने भी मान लिया है कि दिल्ली आबकारी मामले में 338 करोड़ रुपये का हिसाब संदेह के दायरे में हैं.
ED के पूछताछ में शामिल होना चाहिए
इससे पहले दिल्ली के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा था, ” हम दिल्ली के सीएम के इस बात से सहमत हैं कि ईडी और सीबीआई स्वतंत्र एजेंसियां नहीं रहीं. ये बात भी माना जा सकता है कि बीजेपी सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है. इसके बावजूद किसी को भी कानूनी प्रक्रिया की अवज्ञा करने का अधिकार नहीं है.” उन्हें चाहिए कि वो सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की तरह जांच एजेंसी के पास जाएं और अपना पक्ष रखें.