Shashi Tharoor Slams Modi Govt In Lok Sabha Through Poem In Hindi
Shashi Tharoor On Modi Govt: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्र की बीजेपी नीत मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए लोकसभा में एक कविता का सहारा लिया. शशि थरूर ने इसके जरिए केंद्र सरकार पर जमकर तंज कसा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए अंतरिम बजट पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सांसद ने हिंदी में कविता पढ़ी. शशि थरूर ने अपने पूर्व सहयोगी विजय ढिल्लों की लिखी कविता पढ़ी. उन्होंने अपने X हैंडल पर बताया कि यह कविता विजय ढिल्लों ने उनके अनुरोध पर लिखी है.
शशि थरूर ने सुनाई ये कविता
कर्ज के बोझ से आम आदमी तर-तर हो गया, महंगा हो गया खाना-पीना, महंगा घर हो गया
मंत्री जी के बजट की खामी हम बतलाते हैं, सिर से करके शुरू चलो पैरों तक जाते हैं
कुछ चुनिंदा यारों के बड़े बंगले हो गए, बालों से पैरों तक आते हम कंगले हो गए
माना आप डाई नहीं करते, पर कई तो करते हैं, इतनी महंगी हो गई डाई कि लगाने से डरते हैं
चश्मे के दामों को सुन आंखें रो गईं, कम लगाओ टूथपेस्ट, पेस्ट भी महंगी हो गई
बाल कटाने से भी हम अब कटने लग गए, बिना क्रीम के हाथ-पैर भी फटने लग गए
फट गई कमीज की कॉलर, पर नई तो नहीं ले सकते, जीएसटी इतना ज्यादा हाई, हम दे नहीं सकते
पूछ रहा था कोई हम बजट कैसे घटाते हैं, जब से सब्जियों के दाम बढ़े, हम कम खाते हैं
दिखाके लॉलीपॉप हो भरमाकर चले गए, इस बार भी वो अपने ही गुण गाकर चले गए
कैसे सोच लिया कि जनता फिर से माफ करेगी, इस बार चुनावों में जनता जड़ से साफ करेगी
Full credit for authorship to my friend and former @ProfCongHaryana colleague @DhillonVijay whose poetry, both serious and witty, I truly enjoy. He wrote this at my request. https://t.co/S54GIUyoLU
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 7, 2024
सरकार पर लगाया केवल बातें करने का आरोप
इससे पहले दिन में अंतरिम बजट पर बहस की शुरुआत करते हुए शशि थरूर ने नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘केवल बातें करने और कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. थरूर ने जीडीपी के मुद्दे पर सरकार को घेरा.
थरूर ने कहा कि 2014 में लोगों ने इस उम्मीद के साथ बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को जनादेश देने का फैसला किया कि यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ की अपनी बयानबाजी पर अमल करेगी.
एचटी ने न्यूज एजेंसी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि शशि थरूर ने कहा, ”10 साल बाद हम पाते हैं कि इस देश के लोगों को उस सरकार की ओर से दुखद रूप से धोखा दिया गया है, जिसके पिछले दशक में आर्थिक कुप्रबंधन ने भारत के लोगों को व्यापक संकट, कठिनाई, कम आय और उच्च बेरोजगारी में डाल दिया.”
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