Sharmistha Mukherjee Book On Pranab Mukherjee Launched Revealed What Thinking Of Rajiv Gandhi Sonia Gandhi ANN
Sharmistha Mukherjee Book On Pranab Mukherjee: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उन पर एक किताब ‘प्रणब, माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स’ लिखी है. इस किताब का सोमवार (11 दिसंबर) को विमोचन किया गया. शर्मिष्ठा मुखर्जी बुक लॉन्च के पहले कई पन्नों के सार्वजनिक होने से विवादों में घिर गई थीं.
बुक लॉन्चिंग के मौके पर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस किताब पर खुलकर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के बारे में कई बातें कहीं.
‘सोनिया गांधी को लगा होगा…’
उन्होंने एएनआई से कहा, ‘राजीव गांधी या सोनिया गांधी मेरे पिता के बारे में क्या महसूस करते थे, यह तो वे ही बता पाएंगे, लेकिन मेरे पिता के स्वयं के विश्लेषण के अनुसार शायद कुछ हद तक विश्वास की कमी थी. यही कारण था कि उन्होंने अपने नोट्स में लिखा था कि राजीव को शायद लगा कि मैं एक सख्त व्यक्ति हूं, जो आंख मूंदकर किसी की भी बात नहीं मानूंगा. शायद उन्होंने इन कारणों से ही उन्हें कैबिनेट से हटा दिया.’
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पुस्तक के हवाले से यह भी दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाद सोनिया गांधी को भी शायद महसूस हुआ होगा कि एक दिन वो (प्रणब मुखर्जी) उनकी सत्ता के लिए चुनौती बन सकते हैं. ये उनके ही एक सहयोगी कैबिनेट मंत्री ने कही थी, जो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय में भी कांग्रेस में थे.
बुक लॉन्चिंग में मौजूद रहे बीजेपी, कांग्रेस के कई नेता
पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस किताब विमोचन के दौरान इमरजेंसी, वीर सावरकर, कांग्रेस पार्टी के उनकी किताब के विरोध, राहुल गांधी के बारे में प्रणब मुखर्जी की बात, उनके पिता को राष्ट्रपति बनाए जाने पर विस्तार से बात कही. कार्यक्रम में बीजेपी, कांग्रेस के कई नेता भी मौजूद रहे.
शर्मिष्ठा मुखर्जी का कांग्रेस पर निशाना
उन्होंने पुस्तक को लेकर की जा रही आलोचना पर कहा कि कांग्रेस का सोशल मीडिया बिल्कुल बीजेपी की ट्रोल आर्मी की तरह है. क्या वो कंट्रोल करना चाहते हैं कि बेटी अपने बाबा के बारे में क्या लिख रही है….? कांग्रेस के लोग जो लोकतंत्र की बात करते हैं. कांग्रेस को खुद के अपने अंदर झांकना चाहिए. क्या वो इस तरह अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम लगाना चाहते हैं.
शर्मिष्ठा ने किया इमरजेंसी लगाने का बचाव
शर्मिष्ठा ने देश में लगी इमरजेंसी पर किए सवाल पर वो बचावमुद्रा में नजर आईं. उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में हालात खराब थे. असम बिहार में लूटपाट हिंसा हो रही थीं. इसलिए 25 जून को इमरजेंसी लगानी पड़ी थी.
किताब में इस बात का भी खुलासा करते हुए दावा किया कि जेपी ने सेना से सरकार की बात नहीं मानने के लिए कहा था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इमरजेंसी लगाए जाने को लेकर अपनी गलती का अहसास भी था. उनको लगता था कि आने वाले चुनावों में उनका सफाया हो जाएगा.
राष्ट्रपति बनाए जाने पर कही ये बात
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किए सवाल पर कहा कि इसके लिए बात सोनिया गांधी की पहली, दूसरी, तीसरी च्वाइस की नहीं थी बल्कि चुनाव जीतने की बड़ी बात थी. हामिद अंसारी के जीतने का भी चांस था. बाबा समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो रहे दिवंगत मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात की थी. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए खुद भी मेहनत की थी जिसके बाद उन्होंने यह (राष्ट्रपति) चुनाव जीता.
वीर सावरकर का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान रहा
उन्होंने कहा कि वीर सावरकर का तरीका अलग था, लेकिन उनका भी स्वतंत्रता संग्राम में योगदान रहा है. आप इतिहास को नहीं मिटा सकते.
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