Sharad Pawar Could Have Avoided Sharing Stage With Modi To Dispel Doubts, Says Shiv Sena (UBT) – शरद पवार के PM मोदी के साथ मंच साझा करने से सहयोगियों में खलबली, बोले – रुख स्पष्ट करना चाहिए
पुरस्कार समारोह से पहले प्रकाशित मराठी समाचार पत्र में कहा गया, ‘‘इसके बावजूद शरद पवार मोदी का स्वागत करेंगे और यह बात कुछ लोगों को अच्छी नहीं लगी. यह पवार के लिए इस कार्यक्रम में अनुपस्थित रहकर लोगों के मन में उन्हें लेकर पैदा हो रही शंकाओं को दूर करने का अवसर था.”
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि इस तरह की चीजें भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं और पवार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.
चव्हाण ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि इस तरह के सम्मेलनों में शामिल होना गलत है, लेकिन सभी प्रमुख विपक्षी दल ‘इंडिया’ गठबंधन के अंतर्गत आते हैं. इस तरह की चीजें भ्रम की स्थिति पैदा करती हैं.”
कांग्रेस नेता ने कहा, ”अगर पवार जैसे वरिष्ठ नेता अपना रुख स्पष्ट कर देते हैं तो यह बेहतर रहेगा.”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने तथा लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार स्वीकार करने के लिए मंगलवार को महाराष्ट्र के पुणे शहर के दौरे पर हैं. लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने इस पुरस्कार की शुरुआत की थी.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पिछले महीने राकांपा से अलग होने के बाद पार्टी के आठ अन्य विधायकों के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे.
संपादकीय में कहा गया है कि यदि शरद पवार राकांपा में फूट डालने का विरोध करते हुए समारोह में शामिल नहीं होते, तो उनके नेतृत्व एवं साहस की प्रशंसा की जाती.
इसमें कहा गया है कि देश ‘‘तानाशाही” के खिलाफ लड़ रहा है और इस मकसद के लिए 26 विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ बनाया गया है.
इसमें दावा किया गया कि शरद पवार इस गठबंधन के ‘‘महत्वपूर्ण सेनापति” हैं.
पार्टी ने कहा कि शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता से लोगों को अलग अपेक्षाएं हैं.
पार्टी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर हिंसा पर बात करने के लिए तैयार नहीं है. इसमें कहा गया कि देश के नेता का इस मामले पर नहीं बोलना राष्ट्रहित में नहीं है.
संपादकीय में कहा गया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ पुणे में प्रदर्शन हुए हैं और राकांपा कार्यकर्ता इसमें भाग ले रहे हैं.
शिवसेना ने कहा कि यह अजीब स्थिति है, क्योंकि नेता मोदी के साथ मंच साझा कर रहे हैं और पार्टी कार्यकर्ता काले झंडे लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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