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Shambu Border: अभी नहीं खुलेगा शंभू बॉर्डर, SC ने दिया पंजाब-हरियाणा सरकारों को किसानों संग बातचीत का निर्देश


Shambhu Border: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (22 अगस्त) को शंभू बॉर्डर खोलने के पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ हरियाणा सरकार की दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि अभी शंभू बॉर्डर बंद ही रहने वाला है. सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा सरकारों ने किसानों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट शीर्ष अदालत को दी. कोर्ट ने दोनों सरकारों को किसानों से बैठक जारी रखने को कहा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह किसानों से बातचीत करने के लिए अपनी तरफ से भी वार्ताकार नियुक्त करेगा. कोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने और किसानों की मांगों का हल करने लिए सौहार्दपूर्ण तरीके पर जोर दिया. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि दोनों राज्य वार्ता समिति के लिए बातचीत के मुद्दे भी सुझाएं. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 2 सितंबर को होने वाली है. बता दें कि शंभू बॉर्डर फरवरी से ही बंद पड़ा हुआ है.

किसानों के साथ जारी रखें बैठक: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह एक हफ्ते के भीतर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत के लिए एक समिति के गठन के संबंध में आदेश पारित करेगी. जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने पंजाब और हरियाणा राज्यों से कहा कि वह उन मुद्दों को लेकर सुझाव दें, जो समिति के लिए रेफरेंस का काम करें. इसके लिए तीन दिन का समय दिया गया है. अदालत ने साफ किया कि रेफरेंस देने से समस्याएं पैदा करने वाले मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा सकेगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों के प्रतिनिधियों को किसानों के साथ अपनी बैठकें जारी रखनी होंगी. सुनवाई की अगली तारीख पर बातचीत का नतीजा क्या निकला है, इसकी जानकारी कोर्ट को बतानी होगी. कोर्ट ने पंजाब राज्य को तीन दिनों के भीतर समिति की संरचना के लिए और नाम सुझाने की इजाजत दी है.  

कब से शंभू बॉर्डर पर डटे हैं किसान और क्या है उनकी मांग?

शंभू बॉर्डर पंजाब के पटियाला जिले में आता है. किसानों के धरने-प्रदर्शन की वजह से 13 फरवरी से ही बॉर्डर बंद है. इस बॉर्डर की सीमाएं हरियाणा के अंबाला से लगती हैं. किसानों की प्रमुख मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़ी हुई है. किसान ये भी चाहते हैं कि मजदूरों और उनके कर्जे को माफ कर दिया जाए. लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के केस में न्याय सुनिश्चित हो. किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन की व्यवस्था बनाई जाए.

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