Security Forces-terrorist Encounter: Former DGP Told Why The Operation Is So Difficult In Anantnag Area? – सुरक्षाबल-आतंकी मुठभेड़ : पूर्व DGP ने बताया अनंतनाग इलाके में इतना कठिन क्यों है ऑपरेशन?

अनंतनाग एनकाउंटर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैध का बयान
नई दिल्ली: अनंतनाग एनकाउंटर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार देर रात से सुरक्षा बलों के साथ शुरू हुई मुठभेड़ लगातार जारी है. यहां दुर्गम पहाड़ियों में आंतकियों के खिलाफ सेना का ये सबसे मुश्किल ऑपरेशन है. आखिर क्यों ये ऑपरेशन सेना के लिए चुनौती बन गया है? इसको लेकर NDTV ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैध से बात की है.
यह भी पढ़ें
अनंतनाग में आतंकियों के साथ जारी मुठभेड़ पर जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैध ने एनडीटीवी से कहा, “आप अनंतनाग के कोकरनाग का ऑपरेशन जो देख रहे होंगे, यह कितना डिफिकल्ट एरिया है. पहाड़ी इलाका है. धने जंगल में लगभग 70 से 80 डिग्री सीधी चढ़ाई है और दूसरी तरफ खाई है. हमारे जवानों को यहां कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जब ऐसी जगह पर आतंकियों का ठिकाना हो, ऊंचाई पर आतंकी बैठे हो, वहां पर नीचे से पहुंचना आसान नहीं है. आप आतंकियों के निशाने पर होते हैं उनके रेंज में होते है. ऐसी हालत में सुरक्षा बल मोर्टार और रॉकेट लांचर जैसे हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं. आतंकी का सही लोकेशन जानने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है. उन पर यूएवी के जरिए हमला भी किया जा रहा हैं.”
जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैध ने कहा कि यह एक नई रणनीति लगती है. इसी तरह का राजौरी पुंछ में भी देखने को मिला. वहां भी जंगल और पहाड़ी इलाके को आतंकी चुन रहे हैं, पिछले कुछ समय से मैं देख रहा हूं पाकिस्तान के निर्देश पर आतंकी अपने रणनीति में बदलाव कर रहे हैं. आपने देखा होगा, जब 2017 में हमने ऑपरेशन ऑल आउट स्टार्ट किया था, तो हजारों आंतकी मारे गए और हथियारों की कमी हो गई थी. इसके बाद इन्होंने राजनीति में बदलाव लाया और टारगेट किलिंग शुरू किया, इसमें छोटा वेपन पिस्तौल का इस्तेमाल किया और कश्मीरी माइग्रेंट, पंचायत के मेंबर को ,आउटसाइडर को हिट किया.
जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैध NDTV से कहा, “अब एक नया ट्रेंड दिख रहा है, जो राजौरी पुंछ में दिखता है. आंतकी घने जंगल का इस्तेमाल कर रहे है. रिहायशी इलाके में आतंकी हमले से बच रहे हैं. पहाड़ी इलाके और जंगलों में हाइड आउट बनाया जाए. सेना का नुकसान किया जाए, फिर वहां से यह भागने की कोशिश करें. जो एनकाउंटर है उसे तीन या चार दिन खींचा जाए, ताकि इंटरनेशनल मीडिया देखें. मुझे लगता है रणनीति में बदलाव आया है और इसके हिसाब से हमें तैयार रहना होगा.”
ये भी पढें:-
भारत-कनाडा के बीच व्यापार को लेकर बातचीत टली, जानें – संबंधों में खटास की क्या है वजह
जाह्ववी कंडुला मौत मामले में अधिकारी की टिप्पणियों को गलत रूप में लिया गया: सिएटल पुलिस
PM मोदी अपने जन्मदिन पर देश को देंगे ‘यशोभूमि’ का तोहफा, देखें भव्य Video