Security forces killed Pakistani terrorist in an encounter in Kathua district of Jammu Kashmir
Jammu Kashmir Terrorist Killed: जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार (29 सितंबर) को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों ने एक पाकिस्तानी आतंकवादी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है. इस अभियान में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक जवान शहीद दो गया और दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं.
पुलिस ने बताया कि कठुआ जिले के बिलावर इलाके में जारी अभियान में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन का एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया. इससे पहले शनिवार (28 सितंबर) को क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में स्थानीय पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई थी.
पुलिस ने दी ये जानकारी
एडीजीपी (जम्मू) आनंद जैन ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि कठुआ जिले के बिलावर इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) घायल हो गए.
कितने आतंकी छिपे हैं?
एडीजीपी ने कहा, आतंकवादियों का पता लगाने के लिए कठुआ के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. कठुआ जिले के बिलावर के खोग इलाके में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था. गोलीबारी में हेड कांस्टेबल बशीर अहमद शहीद हो गए, जबकि एक एएसआई और एक डिप्टी एसपी घायल हो गए, लेकिन अब उनकी हालत स्थिर है. उन्होंने कहा, इलाके में तीन से चार आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना है.
एक अक्टूबर को होना है मतदान
जानकारी से पता चलता है कि वे विदेशी आतंकवादी हैं. कठुआ में 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. कठुआ और आसपास के जिलों में आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस और अन्य बल तीसरे चरण के लिए सुचारू चुनाव सुनिश्चित करेंगे. उल्लेखनीय है कि कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी पिछले तीन-चार महीने के दौरान जम्मू संभाग के डोडा, कठुआ, राजौरी, पुंछ और रियासी के पहाड़ी जिलों में सेना, स्थानीय पुलिस और नागरिकों के खिलाफ गुरिल्ला हमले कर रहे हैं.
पुलिस ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में सेना और आम लोगों के खिलाफ घात लगाकर हमला करने के बाद, आतंकवादी इन पहाड़ी जिलों के घने जंगल और झाड़ियों वाले इलाकों में भाग जाते हैं. आतंकवादियों की इस रणनीति को विफल करने के लिए, जम्मू संभाग के पहाड़ों की चोटियों और घने जंगलों में चार हजार से अधिक सैनिकों को तैनात किया गया है.
सुरक्षा बलों की इस बदली रणनीति के बाद इन जिलों में आतंकवादी हमलों में भारी कमी आई है. इन इलाकों में सुरक्षा बलों की सर्वव्यापी मौजूदगी के कारण इन इलाकों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ गई हैं. विदेशी भाड़े के आतंकवादियों की चुनौती से निपटने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के बाद अब तक पांच आतंकवादी मारे जा चुके हैं.
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