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Scripted Production: Naga Group Says About Viral Video; Refusal To Send Arms To Manipur – स्क्रिप्टेड प्रोडक्शन : नागा समूह ने वायरल वीडियो को लेकर कहा; मणिपुर में हथियार भेजने से किया इनकार



वीडियो में एक शख्स ने आरोप लगाया कि 15 अच्छी तरह से प्रशिक्षित NSCN (IM) लड़ाके कुकी के खिलाफ लड़ाई में मैतेई में शामिल होने के लिए मणिपुर आ रहे हैं. अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मैतेई की मांग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 3 मई को भड़की हिंसा के बाद कुकी-ज़ो-चिन जनजातियों ने अलग प्रशासन की मांग शुरू कर दी है. 

NSCN (IM) ने कहा कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान एच खोसीवेई लविंग्सन रोआ के रूप में की गई है, जो पिछले साल अक्टूबर में ‘राष्ट्रीय सेवा‘ में शामिल हुआ और इस साल की शुरुआत में अपना बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा किया.

NSCN (IM) ने अपने एक बयान में कहा, ‘वह थुंग्बो ब्रिगेड में तैनात नागा सेना में एक निजी कर्मचारी है. 7 अगस्त 2023 को उसे कान के संक्रमण के लिए मेडिकल अवकाश दिया गया था और दीमापुर भेजा गया था, लेकिन वह तब से लापता है. 

NSCN (IM) के वरिष्ठ नेता एचआर शिमरे ने बयान में कहा कि वीडियो क्लिप ‘स्पष्ट रूप से शरारती एजेंसी का पूर्व नियोजित और स्क्रिप्टेड प्रोडक्शन है, जिसका लक्ष्य तबाही को आगे बढ़ाना और एनएससीएन को खराब रोशनी में चित्रित करना है.‘

इस साल जुलाई में नागालैंड पुलिस के एक इंस्पेक्टर, एक सशस्त्र समूह के नेता और चार अन्य लोगों को राज्य पुलिस शस्त्रागार से गोला-बारूद चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कथित तौर पर गोला-बारूद पड़ोसी राज्य मणिपुर भेजा जाना था. गिरफ्तार लोगों में से एक NSCN (IM) का नेता था. 

नागाओं और कुकियों के बीच 1990 के दशक की शुरुआत में जमीन को लेकर लड़ाई हुई थी. उस वक्त सैंकड़ों की संख्या में  लोग मारे गए थे. 

NSCN (IM) का गठन 1980 में किया गया था और इसका नेतृत्व 85 साल के थुइंगालेंग मुइवा कर रहे हैं. समूह के अन्य शीर्ष नेताओं में इसाक चिशी स्वू का 87 साल की उम्र में कई अंग फेल होने के चलते मौत हो गई थी. 1997 में, NSCN (IM) ने शांति के लिए केंद्र सरकार के साथ समझौता किया था और उसके बाद से केंद्र के दूतों के साथ बातचीत जारी रखी है. 

NSCN (IM) ने अगस्त 2015 में सरकार के साथ एक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये थे, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में शांति स्थापित करने के लिए एक ‘ऐतिहासिक‘ कदम बताया था. 

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