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Saraikela Contract Laborers Protest Outside Companies In Jharkhand ANN


Laborers Protest in Jharkhand: झारखंड के सबसे बड़े औद्योगिक जिले सरायकेला में शनिवार (5 अक्टूबर) को ठेका मजदूरों ने प्रदर्शन किया. शनिवार सुबह 9:00 बजे से 12:00 बजे तक ठेका मजदूरों में 8.33 प्रतिशत बोनस की मांग को लेकर ऑटो प्रोफाइल प्लांट वन के गेट को जाम कर दिया और जमकर प्रदर्शन किया.

जानकारी के मुताबिक ये मजदूर लगभग 10 वर्षों से यहां काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें बहुत कम पैसे का भुगतान किया जाता है. ऊपर से बोनस के नाम पर हजार रुपए से ढाई हजार रुपए तक की ही राशि दी जाती है. इसके बाद मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर शनिवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए कंपनी के मुख्य गेट को ही जाम कर दिया.

पुलिस की टीम ने मजदूरों को गेट से हटाया

इसके बाद कंपनी के मैनेजमेंट से आए लोगों ने बातचीत करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद कंपनी के मालिक की ओर से आदित्यपुर थाने से पुलिस की टीम को बुलाया गया और अमानवीय व्यवहार करते हुए प्रदर्शन कर रहे मजदूरों को गेट से हटवाया गया. वहीं, पत्रकारों के पहुंचने के बाद कंपनी मैनेजमेंट के कुछ लोग नाराज मजदूरों को मनाते दिखे.

कंपनी मैनेजमेंट ने पुलिस को दी थी सूचना

वहीं, जब पूछा गया कि पुलिस को क्यों बुलाया गया था तो उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले को लेकर कंपनी नहीं आई थी, इस पर पूछा गया कि क्या कोई चोरी या कुछ दुर्घटना हुई है? इस बात का जवाब भी उन्होंने नहीं दिया. वहीं, बिना कैमरे पर आए पुलिस वालों ने बताया कि उन्हें कंपनी के द्वारा सूचना मिली थी की कंपनी के गेट के बाहर लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ रहा है. काफी देर तक आदित्यपुर थाने से आई पुलिस की टीम कंपनी के भीतर बातचीत करने गई. 

इससे पहले शुक्रवार (4 अक्टूबर) को आदित्यपुर के इंडस्ट्रियल एरिया फेज 4 स्थित क्रॉस लिमिटेड यूनिट 4 के मजदूरों ने बोनस, सरकारी दर पर मजदूरी और नियत समय पर पारिश्रमिक भुगतान को लेकर कंपनी गेट जाम करते हुए प्रदर्शन किया था. क्रॉस लिमिटेड यूनिट 4 के मजदूरों ने कंपनी के एचआर विनोद आर्या पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया था. लगभग 70 मजदूर कंपनी गेट पर धरने पर बैठ गए. ये सभी ठेका श्रमिक बताए गए. 

एक लिखित ज्ञापन में बताया गया है कि प्रदर्शन कर रहे मजदूरों की ओर से 8.33 प्रतिशत बोनस की मांग की गई, जिसे एचआर ने यह कहते हुए मानने से इनकार कर दिया कि जिसे काम छोड़ना है वो काम छोड़कर जा सकते हैं. मजदूरों ने बताया कि पिछले साल भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया था. बावजूद इसके वे काम पर डटे रहे. मैनेजमेंट को सौंपे मांग पत्र में मजदूरों ने बताया कि उन्हें ना तो सरकारी दर पर मजदूरी का भुगतान किया जाता है और न समय पर वेतन भुगतान किया जाता है. 

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