Sanjay Leela Bhansali Filmed His Incomplete Love Story On Screen With Grandeur And Depth
शानदार सेट, शाही किरदार, गानों में गहराई और दमदार कहानी… के लिए मशहूर संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) आज अपना 64वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं. 24 फरवरी, 1963 को जन्में संजय लीला प्रेम और उसमें छिपे रोमांस को बेहद खूबसूरती से पर्दे पर लाया है. हालांकि ऐसा कहा जाता है कि संजय लीला भंसाली के जीवन में प्रेम नहीं है, इसलिए वो अपनी इस कमी को फिल्मों के जरिए पूरा करते हैं.
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‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘देवदास’ ‘गोलियों की रासलीला: राम-लीला’ से लेकर ‘बाजीराव…’ तक में उन्होंने प्रेम की अड़चनें और उसमें छिपा रोमांस को खूबसूरती से पर्दे पर लाया है. संजय लीला भंसारी की फिल्मों की खासियत यहीं खत्म नहीं होती है. एडिटर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले भंसाली आज सिनेमा के मंझे हुए निर्देशक हैं. उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक ब्लॉकबस्टर फिल्में दी. हालांकि उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिटी भी, लेकिन उन फिल्मों के कहानी और किरदार आज भी लोगों के दिलों दिमाग में रचे-बसे हुए हैं.
दरअसल, संजय लीला भंसाली जब भी अपनी फिल्म के लिए कहानी लेते हैं तो उसमें गहराइयां होती हैं. जो सालों से उनके दिमाग में बसी होती है. इसके बाद वो बेहतरीन तरीके से स्टार कास्ट, भव्यता और संवादों के जरिए उसे जीवन के चरम सौंदर्य तक ले जाते हैं. चाहे फिर देवदास की कहानी और किरदार हो या फिर ‘हम दिल दे चुके सनम’ की. उन किरदारों में बेहद गहराइयां देखने को मिली है.
संजय लीला ने साल 1996 में खामोशी द म्यूजिकल से अपना करियर बतौर निर्देशक शुरू किया. ये फिल्म उनके करियर की अब तक की सबसे बेस्ट फिल्म है. ये एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिनके माता पिता मूक बधिर हैं. लड़की को गाने में दिलचस्पी है और वो अपना करियर संगीत में बनाना चाहती है. संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म में लड़की की अपने माता पिता के साथ रिश्ते को इतनी खूबसूरती के साथ दिखाया है कि फिल्म देखने के बाद भावनाओं का ज्वार दर्शकों में उमड़ पड़ता है. फिल्म में सिर्फ किरदार और कहानी ही नहीं, बल्कि फिल्म के मधुर गाने भी आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं. चाहे बाहों के दरमियां… हो या ये दिल सुन रहा है… गाते थे पहले अकेले… या आज मैं ऊपर.. चाहे सागर किनारे दो दिल प्यासे. नाना पाटेकर और मनीषा कोइरला ने इस फिल्म में कमाल की एक्टिंग की थी. वहीं फिल्म में सलमान खान भी थे. ये फिल्म बहुत सरल, सहज और सादगी वाली है. हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही, लेकिन फिल्म के पटकथा आज भी दर्शकों के दिलों दिमाग में है.
खामोशी द म्यूजिकल के बाद भंसाली ने देवदास लेकर आए. हालांकि इससे पहले भी उपन्यास देवदास पर कई फिल्में बनी, लेकिन भंसाली ने जिस भव्यता के साथ देवदास को पेश किया शायद ही उन फिल्मों में देखने को मिली. इस फिल्म में शाहरुख, माधुरी और ऐश्वर्या जैसे बड़े सितारे नजर आए थे. इस फिल्म में भंसाली ने कई बदलाव भी किए जो पारंपरिक लोगों को पसंद नहीं आया, लेकिन ये फिल्म सुपर हिट साबित हुई. इस फिल्म में कहानी को जिस तरह से फिल्माया गया शायद ही ऐसी अन्य फिल्मों में देखने को मिलती है. इस फिल्म के गाने सिलसिला ये चाहत का…काहे छेड़ मोहे आज भी गाने प्रेमी के दिलों पर राज करते हैं. इस फिल्म के डोला रे डोला रे मन डोला गाने का कोरियोग्राफी लोगों का मन मोह लिया था.
कहा जाता है कि फिल्म बाजीराव मस्तानी के जरिये भंसाली ने बरसों से दिलों में दवाए हए प्रेम कहानी को बेहतरीन तरीके से परदे पर पेश किया. जिसमें दर्शक उनके प्यार और दर्द को महसूस किया. इस कहानी को भंसाली सलमान और ऐश्वर्या पर फिल्माना चाहते थे, लेकिन उनकी ये इच्छा अधूरी रह गई. हालांकि बाद में उन्होंने इस दर्द भरी प्रेम कहानी को रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण पर फिल्माया. इस फिल्म में भंसाली ने गाने को भव्यता के साथ फिल्माया. साथ ही इस फिल्म में दीपिका के डांस ने लोगों के मन को भी मोह लिया. वहीं विवादों के बावजूद ये फल्म सुपरहिट रही.
‘देवदास’, ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘गोलियों की रासलीला: राम-लीला’ से लेकर ‘बाजीराव मस्तानी जैसे सुपरहिट फिल्म देने वाले संजय लीला भंसाली अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेबसीरीज लेकर आ रहे हैं. इसका नाम है हीरामंडी. इस सीरीज में पाकिस्तान की उस रेड लाइट एरिया की कहानी को परदे पर उतारा है, जहां कभी शाही लोग तहजीब सीखने जाते थे, लेकिन फिर वो ‘सेक्स का बाजार’ बन गया.