Samajwadi Party MP Dimple Yadav Slams BJP Over Pooch Terrorist Attack And Krishna Janmabhoomi Controversy
Dimple Yadav News: समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह को लेकर भी केंद्र को आड़े हाथों लिया है. सपा सांसद से पूछा गया था कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्म स्थान विवाद पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि यहां पर भी राम मंदिर के जैसे कृष्ण मंदिर बनाया जाएगा, इसपर डिंपल यादव ने कहा, “बीजेपी की सरकार केवल ध्यान भटकाने का काम करती है.”
सपा सांसद ने कहा, “बीजेपी को जमीनी मुद्दों जैसे बेरोजगारी, सरहद की परिस्थितियां, पुंछ की घटना, मणिपुर जैसे बहुत सारे मुद्दे हैं जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, उनपर बात करनी चाहिए. लेकिन इनपर बात करने की बजाय लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है, जैसे-जैसे चुनाव पास आएगा इसकी तीव्रता और बढ़ेगी.”
डिंपल यादव का बीजेपी पर हमला
डिंपल यादव ने आगे कहा, “आज बच्चों की सही से पढ़ाई नहीं मिल पा रही, महिलाओं के आरक्षण पर कोई बात नहीं हो रही. सरकारी नौकरियां नहीं मिल रही, निजीकरण हो रहा है. इन सब पर बीजेपी का कोई ध्यान नहीं है.” डिंपल यादव ने खेल मंत्रालय की ओर से कुश्ती संघ की नई बॉडी को सस्पेंड करने के फैसले पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
बृजभूषण शरण सिंह को लेकर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी की सांसद ने कहा, “सरकार के पास बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को हटाने का समय था, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया. अब सोची-समझी साजिश के तहत और जनता को केवल पॉजिटिव मैसेज देने के लिए ये काम किया गया है. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी को पहले संघ का अध्यक्ष बनाना और फिर उन्होंने हटाना, ये सब साजिश है.”
सरकार ने डब्ल्यूएफआई को किया निलंबित
बता दें कि, 21 दिसंबर को बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का नया प्रमुख चुना गया था. जिसके बाद ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने विरोध जताया था. साक्षी मलिक ने संजय सिंह के चुनाव के विरोध में कुश्ती से संन्यास ले लिया था और बजरंग ने पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिया था.
इसके बाद 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया था. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश के चोटी के पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस मामले की सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय में हो रही है.
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