Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav Fire on Keshav prasad Maurya Name in Press Conference
Akhilesh Yadav on Keshav prasad Maurya: समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस समय डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर लगातार हमलावर हैं. अब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा मुखिया अखिलेश यादव फिर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर फायर हो गए. जब एक पत्रकार ने अखिलेश यादव से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लेकर सवाल किया तो इस बात पर अखिलेश यादव ने उनका बिना नाम लिए ही कह डाला कि वो कुछ हैं ही नहीं.
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पत्रकार से कहा कि गैरजरूरी सवाल मत किया करो. उन्होंने कहा कि वो कुछ हैं ही नहीं वो क्या हैं मुख्यमंत्री डांट देंगे तो वो चुप हो जाएंगे. सच्चाई है मुझे किसी ने बताया कि अगर डांट दें मुख्यमंत्री तो पता नहीं चलेगा कि डिप्टी सीएम है कौन, नहीं मानते तो आप पता कर लेना.
एक पत्रकार बंधु ने केशव प्रसाद मौर्य को लेकर सवाल किया।
मा0 राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने बिना नाम लिये उन्होंने कहा……वो कुछ हैं ही नहीं,
मुख्यमंत्री जी डांट देंगे तो वो चुप हो जाएंगे। pic.twitter.com/aMpWivfzRc
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 18, 2024
दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव द्वारा यह पहला मौका नहीं जब उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा हो. इससे पहले 69000 शिक्षक भर्ती मामले अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा था. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा था-“दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें!69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री जी’ का बयान भी साजिशाना है. पहले तो आरक्षण की हकमारी में खुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे और जब युवाओं ने उन्हीं के खिलाफ लड़कर, लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ पाया, तो अपने को हमदर्द साबित करने के लिए आगे आकर खड़े हो गये.”
वहीं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि “सबसे पहले 69000 वाले तमाम नौजवान और शिक्षक जिन्होंने आंदोलन किया उनके संघर्ष को मैं बधाई देना चाहता हूं और आने वाले समय में जो उन्हें नियुक्ति मिलेगी उसके लिए भी शुभकामनाएं.”
संविधान और आरक्षण पर बीजेपी की निगाहें- अखिलेश यादव
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा “बीजेपी से मुक्ति होने का मतलब है, तमाम परेशानियों, संकट से मुक्ति होना. संविधान और आरक्षण पर निगाहें है भाजपा की. उन्हें जब मौका मिलता आरक्षण से खिलवाड़ करते हैं. भाजपा आरक्षण की मूल भावना से खिलवाड़ करती है. अपना भ्रष्टाचार, गलत काम छुपाने के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. अगर मुख्यमंत्री 69000 भर्ती का रास्ता नहीं निकाल सकते तो उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.”
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