Sakti District Fake Doctors Treating Patients No Action Being Taken Chhattisgarh News ANN
Sakti News: छत्तीसगढ़ के नवगठित सक्ती जिले के डभरा ब्लॉक व ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आई हुई है. हर पांच किलोमीटर की दूरी पर एक झोलाछाप डॉक्टर तामझाम के साथ क्लीनिक संचालित कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे कई मामले पूर्व में सामने आ चुके है. इतना ही नहीं ग्रामीणों व जागरूक जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने से अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों के संरक्षण में झोलाछाप डॉक्टर कुकुरमुत्ते की तरह पनप रहे हैं. चंद्रपुर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे डॉक्टर खुद की क्लीनिक खोल डॉक्टर बनकर गंभीर बीमारियों का इलाज करने लगे है, जबकि इनके पास न तो संबंधित योग्यता है और न ही उपचार संबंधी लाइसेंस है. डभरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आने वाले अनेक गांव के झोलाछाप डॉक्टर लम्बे समय से सस्ती दवाई दिलाने के नाम पर गरीबों का इलाज कर रहे हैं, कई बार तो मामला गंभीर हो जाता है. जिसमें मरीजों को गंभीर हालत में रायगढ़ के शासकीय एवं निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के कारण उस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.
कांसा में झोलाछाप के घर स्थित क्लिनिक में दी गई दबिश
बीते शनिवार 5 अगस्त कि शाम के समय ग्राम काँसा के एक झोलाछाप क्लिनिक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सूरज सिंह राठौर एवं स्वास्थ्य विभाग की डॉक्टर के संयुक्त टीम के द्वारा छापेमारी की गई थी. जहां झोलाछाप को क्लिनिक संचालन करते और जीवन रक्षक औषधियो का दुरुपयोग करते पाया गया था. प्रतिबंधित गर्भपात की दवा, बीपी शुगर की दवा एवं सामान्य बीमारियों की दवा भारी मात्रा में जब्त की गई है. स्वास्थ अमले के द्वारा पंचनामा कर कार्यवाही की बात कही गई थी.
छापामार कार्रवाई में मिली थी कई जीवन रक्षक दवाइयां
ग्रामीण परदेशी सारथी ने बताया कि इस डॉक्टर के द्वारा एक्सपायरी दवाई एवं गलत दवाइयों को दिया जाता है और भोले भाले हम ग्रामीणों से अधिक पैसे लिया जाता है. शनिवार 5 अगस्त की शाम को जिला के स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम के द्वारा छापामार कार्यवाही की गई थी. जहां से अधिकारियों को मौके पर इस्तेमाल किया हुआ. इंजेक्शन सीरिंज और कई कार्टून दवाइयां मिली हुई थी. ज्यादातर दवाएं मौसमी बिमारी के साथ सामान्य रोगों के उपचार के लिए उपयोगी है. इस तरह की जीवनरक्षक दवाओं का झोलाछाप डॉक्टर के पास मिलना खतरनाक साबित हो सकता है.
ठोस कार्रवाई की जरूरत
मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा 5 अगस्त को डॉक्टर के यहां दबिश दी गई थी. परंतु 6 दिनों से अधिक हो चुका है कार्रवाई नहीं की गई है. झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन द्वारा संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की जाती है. परंतु आज तक ब्लॉक डभरा क्षेत्र के किसी भी फर्जी डॉक्टर के विरुद्ध संयुक्त टीम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि इस टीम में स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग की टीम गठित कर जांच की जाती है. आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई कार्रवाई समझ से परे है.
सीएमएचओ डॉ. सूरज राठौर ने कहा झोलाछाप डाक्टरों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. जांच में समय लगता है. कोई घर में यदि काम करता है तो एकाएक सील नहीं हो सकता. जल्द ही और भी कार्रवाई की जाएगी.