Sachin Pilot Responded To PM Modis Statement While Anurag Thakur Asked Questions To Kharge And Priyanka – सचिन पायलट ने पीएम मोदी के बयान का दिया जवाब तो अनुराग ठाकुर ने खरगे और प्रियंका से पूछे सवाल
जयपुर:
कांग्रेस की राजस्थान इकाई के नेता सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ना कांग्रेस पार्टी का इतिहास और परंपरा रही है. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के हाथ मिलने से सेंचुरी तो हो गई लेकिन मिलाप नहीं हुआ…दिल में खटास है. प्रधानमंत्री मोदी के नागौर में चुनावी रैली में दिये बयान पर पायलट ने टोंक में संवाददाताओं से कहा, ”हमारी पार्टी में सभी को सम्मान देकर सामूहिक नेतृत्व किया जाता है. यह सच है कि हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. बहुमत मिलने के बाद, हमारी पार्टी और विधायक तय करेंगे कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.”
यह भी पढ़ें
राजस्थान में पांच साल के कांग्रेस शासन के दौरान सत्ता को लेकर गहलोत और पायलट के बीच खींचतान चलती रही है. पार्टी ने अब एकजुट चेहरा पेश किया है. पायलट ने कहा, ”कांग्रेस पार्टी का इतिहास, परंपरा और मानसिकता यही है कि हमें मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए. हमारे लिए बहुमत हासिल करना पहली प्राथमिकता है.” राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है और नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए कहा कि जब राजस्थान में महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराध हो रहे थे तब खरगे कहां थे. दरअसल खरगे ने दलित उत्पीड़न के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला था, जिस पर पलटवार करते हुए अनुराग ठाकुर ने खरगे पर निशाना साधा. ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा दिया था लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर वह राजस्थान नहीं आईं.
भाजपा नेता ने राज्य की कांग्रेस सरकार को ‘गहलूट’ सरकार करार दिया और सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ”पिछले पांच वर्षों में ‘गहलूट सरकार’ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल रही है और सरकार ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों की उपेक्षा की है. महिलाओं के खिलाफ अपराध से लेकर अनुसूचित जाति के लोगों पर हमले तक, राज्य में संसाधनों की अनियंत्रित लूट देखी गई.” उन्होंने कहा, ”कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए वादे अधूरे रह गए। किसानों को कर्ज के बोझ तले दबा दिया गया और महिलाओं को वादे के मुताबिक समर्थन नहीं मिला। हिमाचल और कर्नाटक में दिए गए कांग्रेस पार्टी के आश्वासन खोखले साबित हुए हैं.” प्रदेश की जनता का गहलोत सरकार से मोहभंग हो चुका है.