S Jaishankar Targets Nehrus Foreign Policies At The Launch Event Of The Book Why India Matters – व्हाई भारत मैटर्स किताब के लॉन्च कार्यक्रम में नेहरू की विदेश नीतियों पर एस जयशंकर ने साधा निशाना
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने बुधवार को चीन के साथ भारत के संबंधों पर खुलकर अपने विचार रखे और ऐतिहासिक बारीकियों पर प्रकाश डाला. विदेश मंत्री ने कहा कि कैसे अधिक भारत-केंद्रित दृष्टिकोण चीन के साथ अपने संबंधों के बारे में देश के दृष्टिकोण को अलग तरह से आकार दे सकता था. दिल्ली में अपनी पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स’ के लॉन्च कार्यक्रम में एक संबोधन में, जयशंकर ने कहा कि तीन देशों के बारे में मैंने पाकिस्तान, चीन और अमेरिका की बात की है. वास्तव में हमारे शुरुआती वर्षों में तीनों से बहुत ही विवादित संबंध थे.
यह भी पढ़ें
नेहरू और पटेल की नीतियों में था अंतर
विदेश मंत्री ने चीन पर भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच नोट्स और पत्रों के आदान-प्रदान का हवाला देते हुए ऐतिहासिक रिकॉर्ड का हवाला दिया. उन्होंने चीन के साथ अपने संबंधों पर भारत के शुरुआती रुख की जटिलताओं पर प्रकाश डालते हुए, दोनों नेताओं द्वारा व्यक्त किए गए बिल्कुल अलग-अलग विचारों की चर्चा की.
नेहरू की अमेरिका को लेकर नीतियों पर उठाया सवाल
विदेश मंत्री ने 1962 के युद्ध के दौरान नेहरू की नीतियों और खासकर अमेरिका से मदद को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के साथ संबंध को लेकर इतना संकोची क्यों था उस समय. उन्होंने कहा कि उस समय चीन में वामपंथी विचारधारा मजबूत थी और अमेरिका के प्रति बहुत गहरी शत्रुता थी.
संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति अविश्वास के मुद्दे पर बोलते हुए जयशंकर ने विदेश नीति पर सरदार पटेल के विचारों का संदर्भ दिया. जिसमें चीन के साथ अमेरिका के व्यवहार के बजाय भारत के अपने हितों के आधार पर अमेरिकी संबंधों का मूल्यांकन करने की आवश्यकता का सुझाव दिया गया. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि फिर से, यह एक दिलचस्प मुद्दा है जहां विदेश नीति पर सरदार पटेल की आखिरी टिप्पणियों में से एक यह थी कि हम अमेरिका के प्रति इतने अविश्वासी क्यों हैं? हमें अमेरिका को अपने हित के दृष्टिकोण से देखना चाहिए, न कि इस दृष्टिकोण से कि कैसे अमेरिकी चीन के साथ व्यवहार कर रहे हैं.”
चीन के साथ भारत की नीतियों पर भी बोले विदेश मंत्री
इससे पहले, एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, जयशंकर ने दोहराया कि भारत को चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि संबंध तीन आपसी समझ- सम्मान, संवेदनशीलता और हित पर आधारित होना चाहिए. जयशंकर ने चीन के साथ उसके आक्रामक कदमों को रोकने के लिए यथार्थवाद के साथ जुड़ने के भारत के दृष्टिकोण का भी पुनर्मूल्यांकन किया, साथ ही चीन के साथ नेहरूवादी युग की नीतियों पर हमला बोला. भारत के पहले गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री सरदार पटेल और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दृष्टिकोण में अंतर बताते हुए जयशंकर ने दोनों दिग्गजों के बीच मतभेद पर खुलकर चर्चा की.
ये भी पढ़ें-: