S Jaishankar reply to Bulgaria Deputy Prime Minister on successful rescue operation of MV Ruen by
Indian Navy Rescue Operation: हिंद महासागर में समुद्री लुटेरों से लड़कर जहाज को बचाने वाली इंडियन नेवी की बहादुरी पूरी दुनिया में सुर्खियों में है. हाल ही में अरब सागर में अपहृत मालवाहक जहाज एमवी रुएन को भारतीय नौसेना ने लुटेरों के चंगुल से छुड़ाया तो बुल्गारिया की उप-प्रधानमंत्री मारिया गेब्रियल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर का आभार जताया.
इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ”दोस्त इसीलिए होते हैं.” एस जयशंकर का यह जवाब लोगों को खूब पसंद आ रहा है.
बुल्गारिया के नागरिक थे लुटेरों के चंगुल से बचाए गए जहाज के क्रू मेंबर
बता दें कि हिंद महासागर में सोमालिया के पास समुद्री लुटेरों से बचाए गए अपहृत जहाज के चालक दल के 17 सदस्यों में से 7 बुल्गारियाई नागरिक थे. इंडियन नेवी ने जब इनके रेस्क्यू के लिए ऑपरेशन चलाया तो समुद्री लुटेरों ने नेवी की वारशिप और चॉपर पर फायरिंग भी की थी, लेकिन नौसेना के जांबाज सिपाहियों ने लुटेरों को चारों तरफ से घेरकर सरेंडर करने को कहा और क्रू मेंबर्स को जहाज सहित सुरक्षित बचाया.
क्या कुछ बोलीं बुल्गारिया की डिप्टी पीएम मारिया गेब्रियल?
बुल्गारिया की डिप्टी पीएम मारिया गेब्रियल ने एक्स पर पोस्ट किया, ”मैं अपहृत जहाज रूएन और 7 बुल्गारियाई नागरिकों सहित उसके चालक दल के सदस्यों को बचाने के सफल ऑपरेशन के लिए भारतीय नौसेना के प्रति अपना आभार व्यक्त करती हूं. समर्थन और बेहतरीन प्रयास के लिए धन्यवाद. हम चालक दल के जीवन की रक्षा के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.” पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “दोस्त इसीलिए होते हैं.”
That’s what friends are for.@rajnathsingh @indiannavy https://t.co/WGlYVzQEZA
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) March 17, 2024
35 सोमाली समुद्री लुटेरों से कराया सरेंडर
इंडियन नेवी के युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने शनिवार (16 मार्च) को अरब सागर में एक जहाज का अपहरण करने वाले सभी 35 सोमाली समुद्री लुटेरों को सफलतापूर्वक ऑपरेशन चला कर आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद चालक दल के 17 सदस्यों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की.
नेवी के मरीन कमांडो ने किया कमाल
भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि इससे पहले दिन में, भारतीय नौसेना ने अपहृत मालवाहक जहाज एमवी रुएन को घेरा और उसमें सवार सोमाली समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा. इस ऑपरेशन में इंडियन नेवी की स्पेशल फोर्स मरीन कमांडो ने मुख्य भूमिका निभाई. मरीन कमांडो को मार्कोस भी कहते हैं.
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