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India-US Relations: विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने अमेरिका के लोगों से बड़ी बात कही है. वह बोले कि जब भारत आंतरिक मामलों पर उनकी टिप्पणियों को लेकर प्रतिक्रिया देता है तो उन्हें ‘‘बुरा नहीं मानना चाहिए.’’ मंगलवार (एक अक्टूबर, 2024) को यूएस अमेरिका के टॉप थिंक टैंक ‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ में पूछे गए सवाल पर उनका यह जवाब आया.
डॉ एस जयशंकर ने दो टूक कहा कि अगर आप दो देशों, दो सरकारों के स्तर पर देखें ‘‘तो हमें लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र का परस्पर सम्मान होना. ऐसा नहीं हो सकता कि एक लोकतंत्र को दूसरे पर टिप्पणी करने का अधिकार हो और यह वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने का हिस्सा है पर जब दूसरे ऐसा करते हैं तो यह विदेशी हस्तक्षेप बन जाता है.’’
विदेश मंत्री बोले, “विदेशी हस्तक्षेप विदेशी हस्तक्षेप है, चाहे वह कोई भी करे और कहीं भी हो. ऐसे में यह एक कठिन क्षेत्र है और मेरा व्यक्तिगत विचार है, जिसे मैंने कई लोगों के साथ साझा किया है, आपको टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है, लेकिन मुझे आपकी टिप्पणी पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है. ऐसे में जब मैं ऐसा करता हूं तो बुरा नहीं मानना चाहिए.”
एस जयशंकर ने आगे बताया, “यूएस और भारत दुनिया के उन अग्रणी देशों में से हैं जहां लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है. यहां अमेरिका में हमारे लोकतंत्र में कई मुद्दों पर बहस होती है पर कई बार अमेरिका के नेता भारत के लोकतंत्र के बारे में टिप्पणी करते हैं. दुनिया बहुत वैश्वीकृत हो गई है और ऐसे में किसी भी देश की राजनीति जरूरी नहीं कि उस देश की राष्ट्रीय सीमाओं के भीतर ही रहे.”
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, “अब अमेरिका निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करने का विशेष प्रयास करता है कि ऐसा न हो. यह इस बात का हिस्सा है कि आपने कई वर्षों से विदेश नीति कैसे चलाई है. अब एक वैश्वीकृत युग में जहां वैश्विक एजेंडे भी वैश्वीकृत हैं, ऐसे पक्ष हैं जो न केवल देश या क्षेत्र की राजनीति को आकार देना चाहते हैं और सोशल मीडिया, आर्थिक ताकतें, वित्तीय प्रवाह, ये सभी ऐसा करने का अवसर देते हैं. आप विमर्श को कैसे आकार देते हैं? तो आपके पास एक पूरा उद्यम है.”
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